भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम का हेड कोच खालिद जमील को चुना गया. अखिल भारतीय फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) की एग्जीक्यूटिव कमिटी ने यह फैसला किया. खालिद जमील 2017 में आईजल फुटबॉल क्लब को आई लीग का खिताब जिताकर सुर्खियों में आए थे. वह अभी इंडियन सुपर लीग में जमशेदपुर एफसी के कोच हैं. कमिटी के पास जमील, स्टीफन कॉन्सटनटाइन और स्टीफन टारकोविच का नाम आया था. दिग्गज फुटबॉलर आईएम विजयन की अध्यक्षता वाली तकनीकी समिति ने इन तीनों को शॉर्टलिस्ट किया था. कॉन्सटनटाइन पहले भारतीय टीम के कोच रह चुके हैं जबकि टारकोविच ने स्लोवाकिया टीम को संभाला है.
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जमील 13 साल में पहले भारतीय हैं जिन्हें टीम इंडिया की कमान मिली. सेवियो मडेरा आखिरी भारतीय थे जो 2011 से 2012 के बीच भारत की फुटबॉल टीम के हेड कोच थे. जमील के पास एएफसी प्रो लाइसेंस डिप्लोमा है. वह स्पेन के मनोलो मार्केज की जगह लेंगे. उन्होंने पिछले महीने भारत के खराब प्रदर्शन के बाद पद छोड़ दिया था. वह इगोर स्टीमाक को हटाए जाने के बाद कोच बनाए गए थे मगर उनका कार्यकाल लंबा नहीं चला.
जमील का पहला असाइनमेंट क्या होगा
जमील का पहला असाइनमेंट सेंट्रल एशियन फुटबॉल एसोसिएशन (CAFA) नेशंस कप होगा. यह टूर्नामेंट 29 अगस्त से ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान में खेला जाना है. जमील ने भारतीय फुटबॉल में अपनी अलग पहचान बनाई है. वह एक दशक से मैनेजर की भूमिका निभा रहे हैं. 2016-17 के आई लीग टूर्नामेंट में उन्होंने जब आईजल क्लब को चैंपियन बनाया तब सब हैरान रह गए थे. इस क्लब का सालाना बजट दो करोड़ रुपये था और उसने मोहन बागान, ईस्ट बंगाल और बेंगलुरु एफसी जैसे बड़े क्लब को हराकर धूम मचा दी थी.
जमील के कोच रहते नॉर्थईस्ट यूनाइटेड ने 2020-21 और जमशेदपुर ने 2024-25 में आईएसएल के प्लेऑफ में जगह बनाई थी. अब उनके सामने ऐसा ही कुछ भारतीय टीम के साथ करने की चुनौती रहेगी. भारत को अपने आखिरी इंटरनेशनल मैच में हांग कांग से 1-0 से हार मिली थी. इस नतीजे के चलते उस पर एएफसी एशियन कप से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा.
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