पेरिस ओलिंपिक (Hockey Olympic) में जगह बनाने से केवल एक जीत दूर खड़ी भारतीय महिला हॉकी टीम ओलिंपिक क्वालीफायर्स (Hockey Olympic Qualifiers) में अपने से अधिक रैंकिंग की जर्मनी के खिलाफ गुरुवार को सेमीफाइनल खेलने मैदान पर उतरेगी. भारतीय टीम टूर्नामेंट के अपने पहले मैच में अमेरिका से 0-1 से हार गई थी, लेकिन इसके बाद उसने न्यूजीलैंड और इटली को हराकर पूल बी में दूसरे स्थान पर रहकर सेमीफाइनल में जगह बनाई. भारत ने पिछले दो मैच में खेल के हर विभाग में अच्छा प्रदर्शन किया और सविता पूनिया की अगुआई वाली टीम जर्मनी के खिलाफ भी इसी तरह का खेल जारी रखने की कोशिश करेगी.
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इस टूर्नामेंट में शीर्ष पर रहने वाली तीन टीम इस साल होने वाले ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करेंगी. इस तरह से गुरुवार को जीत दर्ज करने पर भारतीय टीम का पेरिस का टिकट पक्का हो जाएगा. अगर भारतीय टीम इस मैच को जीतने में नाकाम रहती है तो उसे ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने का एक और मौका मिलेगा. सेमीफाइनल में हारने वाली टीमों के बीच तीसरे और चौथे स्थान के लिए शुक्रवार को मैच खेला जाएगा, जिसमें जीत दर्ज करने वाली टीम ओलिंपिक में जगह बनाएगी.
उलटफेर कर सकता है भारत
भारतीय टीम के लिए जर्मनी की चुनौती को पार करना आसान नहीं होगा. हालांकि सविता के अलावा उदिता, मोनिका और निक्की प्रधान, सलीमा टेटे इस वक्त फुल फॉर्म में हैं और टीम उलटफेर भी कर सकती है. लालरेम्सियामी, संगीता कुमारी, ब्यूटी डुंग डुंग और नवनीत कौर भी अपने बेहतरीन प्रदर्शन से टीम की उम्मीदों पर खरी उतरी हैं.भारत के लिए पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलना बड़ा मसला रहा है, लेकिन इटली के खिलाफ पिछले मैच में उदिता ने पेनल्टी कॉर्नर पर दो गोल किए, लेकिन जर्मनी की मजबूत टीम के खिलाफ केवल उदिता का प्रयास ही काफी नहीं होगा.
7 में से दो मुकाबले जीते
जहां तक जर्मनी का सवाल है तो वो पूल ए में सात अंक के साथ टॉप पर रही. जापान के भी इतने ही अंक थे लेकिन जर्मनी का गोल अंतर बेहतर था.जर्मनी अभी विश्व रैंकिंग में पांचवें जबकि भारत छठे नंबर पर है. भारतीय टीम ने 2006 के बाद जर्मनी से सात मैच खेले हैं जिनमें से दो में उसे जीत मिली, जबकि पांच मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा.
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