Paralympics 2024: हरविंदर सिंह ने रचा इतिहास, आर्चरी में भारत को पहली बार दिलाया गोल्ड मेडल, पोलैंड के खिलाड़ी को दी मात

Paralympics 2024: हरविंदर सिंह ने भारत को पहली बार पैरिलिंपिक में आर्चरी में गोल्ड मेडल दिला दिया है. इससे पहले हरविंदर ने टोक्यो में ब्रॉन्ज जीता था. 

Profile

Neeraj Singh

भारत का झंडा लहराते हरविंदर सिंह

भारत का झंडा लहराते हरविंदर सिंह

Highlights:

Paralympics 2024: हरविंदर ने आर्चरी में भारत को गोल्ड मेडल दिला दिया हैParalympics 2024: हरविंदर अब पहले ऐसा पैरा एथलीट बन गए हैं जिनहोंने पैरालिंपिक्स में एक से ज्यादा मेडल जीत लिए हैं.

हरविंदर सिंह ने बुधवार को पेरिस पैरालिंपिक में तीरंदाजी में भारत के लिए ऐतिहासिक पहला गोल्ड जीता. हरविंदर ने पुरुषों के इंडिविजुअल रिकर्व ओपन फाइनल में पोलैंड के लुकास सिसजेक को 6-0 (28-24, 28-27, 29-25) से हराकर पैरालिंपिक गेम्स में अपना दूसरा लगातार पदक जीता. उन्होंने तीन साल पहले पेरिस में इसी कैटेगरी में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था. इस तरह वो इस इवेंट के पोडियम पर खड़े होने वाले पहले भारतीय तीरंदाज बन गए.

 

इससे पहले, हरविंदर ने सेमीफाइनल में ईरान के मोहम्मद रजा अरब अमेरी को 1-3 से हराकर 7-3 (25-26, 27-27, 27-25, 26-24, 26-25) से हराया था. पेरिस में, यह भारत का तीरंदाजी में दूसरा पदक है, इससे पहले शीतल देवी और राकेश कुमार ने मिश्रित टीम कंपाउंड ओपन इवेंट में कांस्य पदक जीता था.

 

 

 

हरविंदर के पदक से भारत के पदकों की संख्या 22 हो गई है. यह किसी एक एडिशन में देश के लिए सबसे ज्यादा मेडल्स हैं जो टोक्यो में बनाए गए 19 पदकों के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया है. रैंकिंग राउंड में नौवें स्थान पर रहने वाले हरविंदर ने पेरिस में नॉकआउट चरणों में चीनी ताइपे के त्सेंग लुंग-हुई पर 7-3 (25-25, 27-26, 26-29, 24-23, 25-17) की जीत के साथ अपने अभियान की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्होंने इंडोनेशिया के सेतियावान पर 6-2 (27-28, 28-25, 28-27, 28-15) की जीत के साथ क्वार्टर फाइनल में एंट्री की.

 

हरविंदर गुरुवार को मिक्स्ड टीम रिकर्व ओपन स्पर्धा में पूजा के साथ मिलकर विरोधी को टक्कर देंगे.

 

हरविंदर का सफर

 

हरियाणा के कैथल के सुदूर गांव से आने वाले हरविंदर को डेढ़ साल की उम्र डेंगू हो गया था जिसके बाद डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन लगाया था. इसका भयानक असर उनपर हुआ और उनके पैरों ने ठीक से काम करना बंद कर दिया. उन्होंने पहली बार इस खेल को तब देखा जब 2010 में पंजाबी विश्वविद्यालय में कुछ तीरंदाज ट्रेनिंग ले रहे थे. दो साल बाद, उन्होंने लंदन पैरालिंपिक में भाग ले रहे एथलीट्स को देखा और फिर उन्होंने खेल में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी.

 

वह पहली बार तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने जकार्ता में 2018 एशियाई पैरा खेलों में पुरुषों की व्यक्तिगत रिकर्व ओपन स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता. वह पदक उनकी मां के निधन के ठीक 20 दिन बाद आया था. तीन साल बाद, उन्होंने टोक्यो में खेल में देश का पहला पैरालिंपिक पदक जीतकर इतिहास रच दिया. पिछले साल, हरविंदर हांग्जो में एशियाई पैरा खेलों में पुरुषों की युगल रिकर्व स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे.
 

ये भी पढ़ें:

बांग्लादेश के खिलाफ मिली हार के बाद पीसीबी की खुली नींद, सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट देने से पहले अब बोर्ड लेगा अहम फैसला

न रोहित शर्मा न एबी डिविलियर्स, सुरेश रैना ने आईपीएल के उन 4 बल्लेबाजों के बताए नाम जिन्होंने खेली है IPL की सबसे धांसू पारियां

SCO vs AUS: ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों का कत्लेआम, 6 ओवरों में 113 रन ठोक बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, ट्रेविस हेड ने सिर्फ 25 गेंदों पर 80 रन बना डाले

    यह न्यूज़ भी देखें

    Share