लक्ष्य सेन पेरिस ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रच चुके हैं और अब वो ऐतिहासिक गोल्ड से सिर्फ दो जीत दूर हैं. लक्ष्य ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले बैडमिंट खिलाड़ी हैं. इस सफर में उन्होंने हर बड़ी चुनौती को मात दी और उनसे अब हर कोई ऐतिहासिक गोल्ड की आस लगाए हुए हैं. लक्ष्य रविवार को दुनिया के नंबर दो खिलाड़ी विक्टर एक्सेलसन के खिलाफ सेमीफाइनल में उतरेंगे. जो उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा मैच होने वाला है.
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लक्ष्य की जीत के लिए पूरा देश दुआ कर रहा है. उनकी पूरी फैमिली भी उन्हें चैंपियन बनाने में जुटी हुई है. भारतीय स्टार का पूरा परिवार उनके लिए पेरिस के पोर्ट डे ला चैपल एरिना के पास एक अपार्टमेंट में ठहरा हुआ है, जहां हर दिन उनके लिए घर का बना खाना और स्मूदी भेजी जाती है. मां के हाथ का बना खाना ही लक्ष्य का सीक्रेट हथियार है और इसी हथियार से वो विरोधियों को धूल भी चटा रहे हैं.
पिछले एक महीने से साथ है पूरा परिवार
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार लक्ष्य की मां निर्मला, उनके पिता धीरेंद्र कुमार और बड़े भाई चिराग पिछले एक महीने से उनके साथ हैं. लक्ष्य की मां अपने बेटे के लिए खुद के हाथ से खाना तैयार करती हैं. ओलिंपिक से पहले दो सप्ताह के लिए मार्सिले में हो या पिछले सप्ताह पेरिस में, उनकी मां ने ये सुनिश्चित किया है कि लक्ष्य को वही विशेष खाना मिले, जो वो बेंगलुरू में अपने घर पर खाते थे. उन्होंने कहीं पर भी लक्ष्य के खाने से कोई समझौता नहीं दिया.
लक्ष्य के कोच विमल कुमार ने ओलिंपिक से पहले फ्रांस पहुंचने पर कहा था-
हमने सुनिश्चित किया है कि उसकी मां पास में ही रहे, ताकि वो सहज महसूस कर सके.
लक्ष्य को सपोर्ट करने वाले ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट (संचालन) के हेड वीरेन रस्किन्हा का कहना है कि लक्ष्य की मां उनके साथ है और उनके लिए रोजाना खाना बना रही है. ये अहम था कि किसी बड़े इवेंट के दौरान वो सबसे अच्छी मानसिक स्थिति में रहें. मां के हाथ का बना खाना लक्ष्य की सबसे बड़ी ताकत है. वो लंच में हल्का मसालेदार चिकन नूडल सूप लेते हैं, जिसे उनकी मां ने उनकी न्यूट्रिशनिस्ट के साथ मिलकर तैयार किया.
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