भारत ने डेविस कप क्वालिफायर्स में जगह बना ली. सुमित नागल के दम पर उसने वर्ल्ड ग्रुप आई के मुकाबले में स्विट्जरलैंड को 3-1 से हराकर यह सफलता हासिल की. नागल ने पहला सिंगल्स मुकाबला जीतने के बाद रिवर्स सिंगल्स में कामयाबी हासिल की और युवा खिलाड़ी हेनरी बर्नेट को हराया. भारत ने स्विट्जरलैंड के खिलाफ मैच में तीनों जीत सिंगल्स में ही हासिल की. डबल्स में एन श्रीराम बालाजी और ऋत्विक बोल्लीपल्ली को याकूब पॉल-डॉमिनिक स्ट्रीकर से 7-6 (3) 4-6 5-7 से हार मिली.
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नागल को रिवर्स सिंगल्स में जेरोम किम से खेलना था लेकिन स्विस टीम ने जूनियर ऑस्ट्रेलियन ओपन चैंपियन बर्नेट को उतार दिया. लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने 6-1 6-3 से जीत दर्ज कर भारत को आगे पहुंचा दिया. भारत ने इससे पहले 12 सितंबर को दोनों सिंगल्स जीतकर 2-0 की बढ़त ले ली थी. इस दौरान नागल और पहली बार खेल रहे दक्षिणेश्वर सुरेश ने जीत हासिल की.
भारत ने 32 साल बाद यूरोपीय देश को हराया
भारत ने स्विट्जरलैंड को हराकर 32 साल में पहली बार किसी यूरोपीय देश पर घर से बाहर जीत हासिल की. आखिरी बार 1993 में उसने क्वार्टर फाइनल में फ्रांस को हराया था. तब लिएंडर पेस और रमेश कृष्णन हीरो बने थे. भारत ने 2022 में डेनमार्क को हराया था लेकिन वह जीत घर में मिली थी. अब भारत को जनवरी 2026 में डेविस कप क्वालिफायर्स के पहले राउंड में खेलना होगा.
नागल ने जीत के बाद कहा, 'यह काफी बड़ी जीत है. हम यूरोप में बहुत समय बाद जीते हैं और हमने इसके लिए काफी मेहनत की है. युगल मुकाबला कठिन था क्योंकि दोनों टीमों ने शानदार खेल दिखाया. मैं खेलने के बजाए जब बाहर बैठकर मैच देख रहा था तब ज्यादा घबरा रहा था. नौजवान खिलाड़ी से खेलना मुश्किल होता है, आपको पता नहीं रहता कि किस तरह का खेल देखने को मिलेगा.'
नागल सितंबर 2023 के बाद पहली बार डेविस कप मैच खेल रहे थे. वहीं रोहित राजपाल की कप्तानी में यह पहली बड़ी जीत है. वे 2019 में महेश भूपति के हटने के बाद कप्तान बने थे. उनके कार्यकाल में भारत को स्वीडन, डेनमार्क, फिनलैंड, नॉर्वे और क्रोएशिया से हार मिली थी.
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