भारत ने पेरिस पैरालिंपिक में 7वां गोल्ड जीत लिया है. नवदीप सिंह ने जैवलिन थ्रो (एफ 41) में भारत की झोली में मेडल डाला. इसी के साथ पेरिस पैरालिंपिक में भारत के मेडल की संख्या 29 हो गई है, जो भारत का पैरालिंपिक के इतिहास में सबसे बेस्ट प्रदर्शन है. नवदीप का गोल्ड भी ड्रामे के बिना नहीं आया. दरअसल नवदीप ने तीसरी कोशिश में 47.32 मीटर के थ्रो के साथ सिल्वर मेडल पक्का किया था. ईरान के सादेग बेत उनसे आगे थे, मगर इवेंट खत्म होने के कुछ ही देर बाद इंटरनेशनल पैरालिंपिक कमिटी (आईपीसी) ने अनुचित आचरण के कारण सादेग को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया.
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जिसके बाद नवदीप के सिल्वर को अपग्रेड करके गोल्ड कर दिया गया. हालांकि इस मामले पर आईपीसी की ओर से कोई बयान नहीं आया है. ना ही ईरानी खिलाड़ी को डिस्क्वालिफाई करने पर एक्सप्लेन किया गया, लेकिन इवेंट के ब्रॉडकास्ट में दिखाया गया कि ईरानी खिलाड़ी ने गोल्ड जीतने के बाद अपने बैग से काला झंडा निकाला था. इंटरनेशनल ब्रॉडकास्ट ने तुरंत ही फीड काट दी और तुरंत ही दूसरे कैमरे पर स्विच कर दिया.
गोल्ड गंवाने के बाद कैसा था ईरानी खिलाड़ी का रिएक्शन
सादेग को जब पता चला कि उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया है और उनसे गोल्ड छिन गया है, उस वक्त नवदीप उनके साथ ही बैठे थे. उन्होंने बताया कि गोल्ड गंवाने के बाद सादेग ने क्या रिएक्ट किया. नवदीप ने कहा-
मैं ईरानी खिलाड़ी के साथ बैठा हुआ था, जब उन्हें जानकारी दी गई कि उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया. वो हैरान थे और रोने लगे. मैंने उन्हें गले लगाकर सांत्वना देने की कोशिश की, लेकिन उनसे ये समझना मुश्किल था कि क्या हुआ था. वो सिर्फ अपनी भाषा बोलते हैं, अंग्रेजी नहीं बोलते. मुझे लगता है कि ये सिर्फ भारत का दिन था.
पर्दे के पीछे का ड्रामा बताते हुए नवदीप सिंह ने कहा-
इवेंट खत्म होने के बाद हम सभी एक कमरे में साथ बैठे थे. तभी अधिकारी कमरे में आए और ईरानी खिलाड़ी को रेड कार्ड दिखाया. मुझे कुछ पता नहीं था कि क्या हो रहा है. फिर यह घोषित किया गया कि उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया है. उन्होंने कुछ ऐसा किया होगा जो नियमों के खिलाफ था. मुझे भी समझ में नहीं आया कि उन्होंने क्या किया है. शुरू में मुझे लगा कि उन्होंने ऐसी टी-शर्ट पहनी है जो उनके देश की आधिकारिक जर्सी नहीं है.
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