19वें एशियाई खेलों में पुरुष डिकेथलॉन में रजत पदक हासिल करने के बाद भारत के तेजस्विन शंकर का कहना है कि अब वो पूरी तरह डिकेथलॉन के एथलीट बन गए हैं. शंकर ने कुल 7666 पाइंट्स के साथ नेशनल डिकेथलॉन रिकॉर्ड तोड़ते हुए रजत पदक जीता. उन्होंने कहा कि, डिकेथलॉन की सबसे अच्छी बात यही है कि 10 इवेंट्स में हिस्सा लेने के बाद भी अगर आप एक खेल में अच्छा नहीं करते हैं तो भी आप अपने प्रदर्शन और नतीजों से खुश रहते हैं. अब मैं पूरी तरह इस खेल का एथलीट बनने की ओर आगे बढ़ रहा हूं. वहीं जो भी मैंने हाई जंप में किया उससे मैं बेहद ज्यादा खुश हूं और मुझे कोई दुख नहीं है.
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तेजस्विन ने रचा नया इतिहास
मेंस डिकेथलॉन की सबसे अंतिम स्पर्धा में 1500 मीटर में तेजस्विन शंकर चार मिनट 48 सेकेंड्स के साथ चौथे स्थान पर रहे और उन्होंने कुल 7666 अंकों के साथ सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया. जबकि इस स्पर्धा में चीन के सुन किहाओ ने 7816 अंकों के साथ गोल्ड मेडल और जापान के युमा मरुयामा ने 7568 अंकों के साथ कांस्य पदक अपने नाम कर डाला. तेजस्विन शंकर ने साल 1974 के बाद भारत को डिकेथलॉन में सिल्वर दिलाकर इतिहास रच डाला. इससे पहले विजय सिंह चौहान ने भारत को 1974 एशियन गेम्स में डिकेथलॉन में मेडल दिलाया था.
शॉट पुट इवेंट के बाद क्रैंप सहित अलग अलग चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, शंकर ने अपना संयम बनाए रखा और नया नेशनल रिकॉर्ड बना डाला. जीतने के बाद उन्होंने कहा कि, अब जब मैंने डिकेथलॉन में पदक जीत लिया है तो मैं अब हाई जंप में वापसी करना चाहता हूं. मैं पेरिस ओलिंपिक के लिए खुद को तैयार करना चाहता हूं. अगर मैं ओलिंपियन बन गया तो मैं फिर फुल टाइम डिकेथलॉन करूंगा.
शंकर अमेरिका के कांसस में डेलॉयट में काम करते थे. इसके बाद उन्होंने खुद को फुल टाइम एथलीट बनाया. डिकेथलॉन को उन्होंने सेकेंड्री इवेंट बनाया और फिर खुद को हाई जंपर के रूप में स्थापित किया. फिलहाल वो इस फील्ड में भारत के नंबर 1 जंपर हैं. पिछले साल से ही वो डिकेथलॉन में हिस्सा ले रहे हैं और एशिया में नंबर 5 की रैंकिंग पर हैं. एशियाई खेलों पर फोकस करने के लिए उन्होंने पिछले महीने हाई जंप की वर्ल्ड चैंपियनशिप्स को छोड़ दी थी.
अच्छा खानपान है जरूरी
शंकर को इतने सारे इवेंट में हिस्सा लेने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है और अच्छा खानपान रखना पड़ता है. इसमें पास्ता, चिकन, कार्बोहाइड्रेटेस् शामिल होते हैं. इससे उन्हें ताकत मिलती है. लेकिन ये सबकुछ सही समय पर खाना जरूरी है. शंकर के परिवार को उनका डाइट खाना नहीं पसंद क्योंकि वो अक्सर नमक और मसाला छोड़ देते हैं और पूरी तरह अपनी तैयारियों पर फोकस करते हैं. ऐसे में 2 दिन के भीतर ही उनका 6 किलो वजन कम हो चुका है और ऐसे में शंकर दिल्ली आकर सिर्फ जंक फूड खाना चाहते हैं. ईएसपीएन के साथ बातचीत में शंकर ने कहा कि, मैं जंक फूड की तरफ देखता भी नहीं हूं. लेकिन जब मैं दिल्ली आऊंगा तो मैं जमकर छोले भटूरे, चिकन अफगानी और ढेर सारी जंक फूड का लुत्फ उठाऊगा. क्योंकि इसके बाद मुझे आगे की चिंता नहीं होगी और मैं आराम से खा पाऊंगा.
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