Wrestling National Trials: भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया ने पेरिस ओलिंपिक क्वालीफायर के लिए होने वाले नेशनल ट्रायल में हिस्सा लेने से साफ मना कर दिया है. इतना ही नहीं उन्होंने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया है. आगामी राष्ट्रीय ट्रायल में भाग लेने के भारतीय कुश्ती महासंघ के न्योते को ठुकराते हुए बजरंग ने दिल्ली उच्च न्यायालय में आपात संयुक्त याचिका दायर करके 10 और 11 मार्च को डब्ल्यूएफआई की तरफ से आयोजित चयन ट्रायल पर रोक लगाने की मांग की है.
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सूत्रों के अनुसार बजरंग, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने अदालत की शरण ली है. मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी. बजरंग ने याचिका दायर करने की पुष्टि नहीं की, लेकिन भारतीय कुश्ती पर सरकार की चुप्पी पर सवाल दागे.
सरकार के ट्रायल में लेंगे हिस्सा
पिछले दो महीने से रूस में अभ्यास कर रहे बजरंग ने पीटीआई से कहा कि अगर ट्रायल संजय सिंह की अगुआई वाली डब्ल्यूएफआई करा रही है तो वो इसमें हिस्सा नहीं लेंगे. उन्होंने कहा-
अगर मुझे ट्रायल में भाग नहीं लेना होता तो मैं अपने अभ्यास पर 30 लाख रुपये खर्च नहीं करता, लेकिन निलंबित डब्ल्यूएफआई ट्रायल कैसे करा रहा है. सरकार इसे मंजूरी कैसे दे सकती है. मुझे समझ में नहीं आता कि भारत सरकार से निलंबित खेल ईकाई ट्रायल का ऐलान कैसे कर सकती है. अगर तदर्थ समिति या सरकार ट्रायल करायेगी तो ही हम इसमें भाग लेंगे.
डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह ने प्रदर्शनकारी पहलवानों से अतीत को भुलाकर ट्रायल में भाग लेने के लिये कहा. बजरंग ने कहा कि वो अकेले नहीं, बल्कि साक्षी मलिक और विनेश फोगाट भी ट्रायल में नहीं उतरेंगी. यह हमारा संयुक्त फैसला है. इसमें हम साथ हैं. खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ की नई बॉडी को अध्यक्ष बनने के बाद संजय सिंह के आनन फानन में लिए गए फैसलों के कारण सस्पेंड कर रखा है.
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