हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए हर पार्टी ने अपनी अपनी कमर कस ली है. राज्य में 5 अक्टूबर को चुनाव होने हैं जबकि 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे. इस बीच क्रिकेट से राजनीति में उतरे बीसीसीआई के पूर्व कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी भी भिवानी जिले की तोशाम सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में उन्होंने स्पोर्ट्स तक से एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने सबसे अहम बयान यही दिया कि वो राजनीति को राजनीति की तरह नहीं बल्कि क्रिकेट की तरह देखते हैं.
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अनिरुद्ध से हमारे स्पोर्ट्स एडिटर विक्रांत गुप्ता ने खास बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी की तरफ से लड़ रहा हूं. मेरी खुशी का ठिकाना नहीं है. मुझे जो प्यार मिल रहा है उसपर मुझे भरोसा नहीं हो पा रहा है. हमारी परिवार को चौथी पीढ़ी वोट दे रही है. ऐसे में मुझपर ये जिम्मेदारी है कि मैं इन लोगों के लिए वो सबकुछ करूं जो मेरा परिवार के बाकी लोगों ने किया था.
राजनीति में भी क्रिकेट की तरह ही खेलूंगा
अनिरुद्ध ने कहा कि चाहे खेल हो या राजनीति दोनों ही समाज का हिस्सा है. आप जिस भी फील्ड के हो वहां का आपको अनुभव मिलता है. ऐसे में दूसरी फील्ड में आप उस अनुभव का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में मैं किसी भी स्थिति को देखता हूं तो मुझे राजनीति नहीं उसमें क्रिकेट दिखती है. मैं राजनीति को भी क्रिकेट की तरह ही खेलना चाहता हूं. सिंगल्स से 100 बनता है और 1-2 रन से हार जीत होती है. लेकिन मैं चौके- छक्के मारने आया हूं.
बता दें कि अनिरुद्ध तोशाम सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और उनके सामने उनकी बहन ही खड़ी है. ऐसे में इस मुद्दे पर उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस और बीजेपी की लड़ाई है. मैं इसे और किसी रूप में नहीं देखता हूं. मैं चाहता हूं कि मैं इस इलाके और इस मिट्टी को मजबूत करना चाहता हूं. कांग्रेस पार्टी की लहर है हरियाणा में और यहां इसी की सरकार बनने जा रही है. पिछले कुछ समय से हमारा इलाका पिछड़ रहा है. ऐसे में मैं इसे आगे बढ़ाने के लिए आया हूं.
मैं अपनी मर्यादा में रहकर सबकुछ करना चाहता हूं
अनिरुद्ध ने आगे कहा कि मैं क्रिकेट के एक एक बॉल की तरह चुनाव लड़ना चाहता हूं और जीतने के बाद उसी तरह काम करना चाहता हूं. क्रिकेट में आप हर गेंद के साथ मैच के करीब जाते हो. आप एक गेंद पर ही सबकुछ नहीं कर देते हो. ऐसे में मैं भी इसे इसी तरह देखता हूं. चौधरी बंसीलाल का नाम काफी बड़ा था. लेकिन मैं एक- एक कदम को सोचकर आगे चल रहा हूं.
बता दें कि अनिरुद्ध चौधरी के पिता चौधरी रणवीर सिंह महेंद्रा भी बीसीसीआई के अध्यक्ष और एमएलए रह चुके हैं. और उन्होंने कांग्रेस पार्टी से चुनाव भी जीता है. इसपर अनिरुद्ध ने कहा कि
मैंने अपनी पिता की पार्टी में वर्कर की तरह काम किया. उनके रहते हुए मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता था. परिवार में एक सदस्य ही होना चाहिए जो चुनाव लड़े. बीसीसीआई में जब तक मेरे पिता थे तब तक मुझे कोई नहीं जानता था. मैं किसी मीटिंग में नहीं जाता था. हम प्रजातंत्र में रहते हैं और सब चीजों का अपना तरीका है. मेरा मन था लेकिन मैं अपने समय का इंतजार कर रहा था. मैं सिर्फ अपने पिताजी के लिए पहले समर्पित था.
अनिरुद्ध ने अपनी बहन और चाची को लेकर आगे कहा कि मैं मर्यादा में रहकर चुनाव लड़ रहा हूं. मेरे दादाजी शालीनता से सबकुछ करते थे. और मैं उन्हीं से सबकुछ सीखकर आगे बढ़ रहा हूं. मैंने अपने इलाके में जो भी दिक्कतें हैं उसे खत्म करना चाहता हूं. बता दें कि अनिरुद्ध बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष रहे हैं. 2009 वर्ल्ड कप और 2011 में इंग्लैंड दौरे पर वे भारतीय टीम के मैनेजर थे. 2010 में न्यूजीलैंड में हुए अंडर 19 वर्ल्ड कप के दौरान भी वे टीम इंडिया के मैनेजर थे. इसके अलावा वे हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन के सेक्रेटरी रहे हैं. अनिरुद्ध चौधरी के पिता रणबीर महेन्द्रा बीसीसीआई के अध्यक्ष रह चुके हैं. महेंद्रा 2004 से 2005 तक इस पद पर रहे. उन्होंने भी विधानसभा चुनाव लड़ा है. 2009 में वे बाढरा सीट से कांग्रेस की टिकट पर उतरे थे.
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