भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) ने शुक्रवार को WFI प्रमुख ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है. समिति के सदस्यों में मैरी कॉम, डोला बनर्जी, अलकनंदा अशोक, योगेश्वर दत्त, सहदेव यादव और दो एडवोकेट शामिल हैं. इससे पहले भारतीय पहलवानों ने भारतीय ओलिंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा को पत्र लिखा था. इस पर पर विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, रवि दहिया और दीपक पुनिया ने हस्ताक्षर किए थे. सभी ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह पर कई युवा पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. पत्र में चार मांगों को भी लिस्ट किया गया है.
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पत्र में क्या
पत्र में कहा गया है कि, "हम आईओए से अनुरोध करते हैं कि यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिए तुरंत एक समिति नियुक्त करें. हम डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष का इस्तीफा, डब्ल्यूएफआई को भंग, और मामलों को चलाने के लिए एक नई समिति का गठन चाहते हैं.
पहलवान चाहते हैं एक्शन
पत्र में यह भी लिखा गया है कि टोक्यो ओलिंपिक में पदक जीतने से चूकने के बाद पहलवान विनेश फोगाट को डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के जरिए मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था, और उन्होंने लगभग आत्महत्या के बारे में सोचा था. पहलवानों ने कहा कि, WFI की ओर से वित्तीय गबन भी किया गया है." उन्होंने यह भी कहा है कि राष्ट्रीय कैंप में कोच और स्पोर्ट्स साइंस स्टाफ को कुछ नहीं आता है.
क्या कह चुकी हैं पीटी ऊषा
बता दें कि इससे पहले पीटी ऊषा ने ट्वीट कर कहा था कि, , “आईओए अध्यक्ष के रूप में मैं सदस्यों के साथ पहलवानों के मौजूदा मामले पर चर्चा कर रही हूं. हम सभी के लिए एथलीटों का कल्याण और भलाई आईओए की सर्वोच्च प्राथमिकता है. हम एथलीटों से अनुरोध करते हैं कि वे आगे आएं और अपनी चिंताओं को आवाज दें.” “हम न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक पूरी जांच सुनिश्चित करेंगे. हमने भविष्य में उत्पन्न होने वाली ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए एक विशेष समिति बनाने का भी फैसला किया है, जो तेजी से कार्रवाई के लिए तैयार हो.”
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