मनसुख मांडविया बने देश के नए खेल मंत्री, अनुराग ठाकुर की ली जगह, रक्षा खड़से को राज्य मंत्री की जिम्मेदारी

गुजरात से आने वाले मनसुख मांडविया देश के नए खेल मंत्री हैं. उन्होंने अनुराग ठाकुर की जगह ली है. ठाकुर को इस बार मंत्री पद नहीं दिया गया है.

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मनसुख मांडविया देश के नए खेल मंत्री हैं.

मनसुख मांडविया देश के नए खेल मंत्री हैं.

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मनसुख मांडविया मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में स्वास्थ्य मंत्री थे.

मनसुख मांडविया गुजरात की पोरबंदर सीट से सांसद चुने गए हैं.

मनसुख मांडविया देश के नए खेल मंत्री हैं. उन्होंने अनुराग ठाकुर की जगह ली है. गुजरात से आने वाले मांडविया नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में स्वास्थ्य मंत्री थे. उनके साथ रक्षा खड़से राज्य मंत्री के तौर पर खेल मंत्रालय का काम संभालेंगी. रक्षा महाराष्ट्र से आती हैं और दूसरी बार सांसद बनी हैं. वह रावेर सीट से दो लाख से ऊपर वोटों से विजयी हुई थीं. पिछली मोदी सरकार में खेल मंत्रालय संभालने वाले ठाकुर को इस बार मंत्री नहीं बनाया गया है. वे हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से सांसद चुने गए हैं.

 

मांडविया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है. वह पोरबंदर से सांसद चुने गए हैं. उन्होंने कांग्रेस के ललित वसोया को 3.83 लाख वोटों से हराया था. वे 2021 से कैबिनेट में मंत्री थे और रसायन मंत्रालय संभाल रहे थे. उन्हें 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर में स्वास्थ्य मंत्रालय सौंपा गया था. उन्होंने डॉक्टर हर्षवर्धन की जगह ली थी. मांडविया की देखरेख में ही कोविड वैक्सीनेशन का काम हुआ. अब नई सरकार में जेपी नड्डा को स्वास्थ्य मंत्रालय मिला है. 

 

मांडविया पर रहेगा ओलिंपिक का जिम्मा

 

उनका खेल मंत्री के रूप में कार्यकाल काफी अहम रहने वाला है. इस दौरान भारत 2036 ओलिंपिक खेलों के लिए दावेदारी पेश करेगा. अहमदाबाद में ये खेल कराए जाने की योजना है और इसके लिए जोरों से काम चल रहा है. पिछले सरकार के समय लगातार बयान दिए गए थे कि भारत ओलिंपिक कराना चाहता है. यही वजह है कि मांडविया को इस बार खेल मंत्रालय मिला है क्योंकि वे गुजरात से आते हैं. मांडविया को श्रम मंत्रालय का जिम्मा भी दिया गया है. 

 

कौन हैं मनसुख मांडविया

 

मांडविया छात्र जीवन से ही बीजेपी की तरफ रुख रखते आए हैं. वे पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में थे. यहां से आगे बढ़े. 2002 में वे पहली बार विधायक चुने गए. उन्होंने पालिताणा सीट जीती और तब सबसे कम उम्र के विधायक बने. बाद में वह गुजरात बीजेपी के सेक्रेटरी बने. 2012 में वह राज्य सभा सांसद बने. मांडविया ने भावनगर यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में एमए किया है. तीन साल पहले उन्होंने गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ डवलपमेंट रिसर्च से पॉलिटिकल साइंस में ही पीएचडी की.

 

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