आम बजट 2024-25 में खेलों को 3442.32 करोड़ रुपये मिले हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बजट पेश करते हुए देश में खेलों के लिए बजट आवंटित किया है. पिछले बजट की तुलना में इस बार खेलों को ज्यादा पैसे नहीं मिले और पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में केवल 45.36 करोड़ रुपये ज्यादा दिए. 2023-24 के बजट में खेलों के लिए 3396.96 करोड़ रुपये दिए गए थे. बताया जाता है कि पेरिस ओलिंपिक्स के साथ ओलिंपिक साइकल पूरा हो रहा है और एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स अभी दूर हैं. इस वजह से खेलों के बजट में ज्यादा बढ़ोत्तरी नहीं की गई.
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बजट आवंटन में खेलो इंडिया को प्राथमिकता मिली है. इसके लिए 900 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. पिछले साल इन खेलों के लिए 880 करोड़ रुपये दिए गए थे. इसका मतलब है कि इस बार 20 करोड़ रुपये ज्यादा मिले हैं. खेलो इंडिया जमीनी स्तर पर खेलों को आगे बढ़ाने का सरकार का एक प्रोजेक्ट है. इसके जरिए खेल मंत्रालय की कोशिश है कि नए खिलाड़ियों को कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर से ढूंढ़ा जाए. सरकार ने पिछले कुछ सालों में खेलो इंडिया पर काफी भारी निवेश दिया है और इसके लिए काफी पैसा खर्च किया है.
खेलो इंडिया का बजट कैसे हर साल बढ़ा
वित्तीय वर्ष 2022-23 में खेलो इंडिया का वास्तविक आवंटन 596.39 करोड़ रुपये था. अगले साल (2023-24) के बजट में लगभग 400 करोड़ रुपये से अधिक बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था. हालांकि बदलाव के बाद इसे 880 करोड़ रुपये किया गया था. खेलो इंडिया युवा खेलों 2018 (केआईवाईजी) की शुरुआत के बाद से सरकार ने इसमें और खेल आयोजनों को जोड़ना जारी रखा है. मंत्रालय ने उसी साल खेलो इंडिया शीतकालीन खेल और 2023 में खेलो इंडिया पैरा खेलों शुरू करने के साथ 2020 में खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों की शुरुआत की.
देश भर में सैकड़ों खेलो इंडिया राज्य उत्कृष्टता केंद्र (केआईएससीई) स्थापित किए गए हैं, जिनका उद्देश्य प्रतिभाशाली उदीयमान खिलाड़ियों को सुविधाएं प्रदान करना है. खेलो इंडिया के कई एथलीट वर्तमान में भारतीय ओलंपिक दल में शामिल हैं. राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को सरकार की सहायता में भी 15 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है. यह 2023-24 में 325 करोड़ रुपये से बढ़कर नवीनतम बजट में 340 करोड़ रुपये हो गई है.
साई का बजट भी बढ़ा
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) का बजट भी 795.77 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 822.60 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इसमें 26.83 करोड़ रुपये का उछाल है. साइ देश भर में अपने स्टेडियमों के रख रखाव अलावा वैश्विक खेल प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए टारगेट ओलिंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) का प्रबंधन भी करता है. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) को बजट में मामूली वृद्धि मिली है. नाडा और एनडीटीएल का काम खिलाड़ियों की डोपिंग जांच करना है. नाडा के बजट को 21.73 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 22.30 करोड़ रुपये कर दिया गया है जबकि एनडीटीएल के बजट को 19.50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 22 करोड़ कर दिया गया है.
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