AITA का दावा- सुमित नागल ने डेविस कप में खेलने के लिए 45 लाख रुपये मांगे, खिलाड़ी ने कहा- यह आम बात है

एआईटीए ने 17 सितंबर को यह कहकर अपनी नाराजगी जाहिर की कि नागल, युकी भांबरी और शशिकुमार मुकुंद सहित देश के शीर्ष खिलाड़ियों ने देश के लिए खेलने से इनकार कर दिया है.

Profile

SportsTak

Sumit Nagal of India in action during the Tennis Men's Singles First Round

Sumit Nagal of India in action during the Tennis Men's Singles First Round

Highlights:

सुमित नागल ने पीठ में खिंचाव का हवाला देते हुए स्वीडन के खिलाफ हाल ही में डेविस कप मुकाबले से हटने का फैसला किया था.

स्वीडन के खिलाफ भारत एकल विशेषज्ञ के बिना खेलने उतरा और टीम को 0-4 से हार का सामना करना पड़ा.

अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) ने 19 सितंबर को दावा किया कि सुमित नागल ने भारत के लिए डेविस कप मुकाबले खेलने के लिए 50,000 अमेरिकी डॉलर की सालाना फीस मांगी थी. लेकिन देश के शीर्ष एकल खिलाड़ी ने खुद का बचाव करते हुए कहा कि खिलाड़ियों को उनकी सेवाओं के लिए भुगतान किया जाना सामान्य बात है. नागल ने पीठ में खिंचाव का हवाला देते हुए स्वीडन के खिलाफ हाल ही में डेविस कप मुकाबले से हटने का फैसला किया था. इसके कारण उन्हें पिछले महीने अमेरिकी ओपन पुरुष युगल स्पर्धा से भी बाहर होना पड़ा था. 

स्वीडन के खिलाफ भारत एकल विशेषज्ञ के बिना खेलने उतरा और टीम को 0-4 से हार का सामना करना पड़ा. टीम विश्व ग्रुप एक मुकाबले में एक सेट भी नहीं जीत सकी. एआईटीए ने 17 सितंबर को यह कहकर अपनी नाराजगी जाहिर की कि नागल, युकी भांबरी और शशिकुमार मुकुंद सहित देश के शीर्ष खिलाड़ियों ने देश के लिए खेलने से इनकार कर दिया है. नागल एटीपी 250 हांगझू ओपन में शामिल हुए थे और उन्हें 19 सितंबर को खेलना था लेकिन पीठ दर्द के कारण उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया.

एआईटीए महासचिव अनिल धूपर ने पीटीआई से कहा, ‘एक खिलाड़ी को देश के लिए खेलने के लिए पैसे क्यों मांगने चाहिए, आप मुझे बताइये. यह एक बड़ा सवाल है. उन्होंने 50,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 45 लाख रुपये) की सालाना फीस मांगी थी और कहा था कि अगर उन्हें भुगतान नहीं किया गया तो वह नहीं खेलेंगे. देश को तय करने दें कि यह सही है या नहीं. फिर यह सरकार और सभी का फैसला होगा. खिलाड़ियों को ‘टॉप्स’ के जरिए भी भुगतान किया जाता है. और ऐसा नहीं है कि उन्हें डेविस कप खेलने के लिए भुगतान नहीं किया जाता. उन्हें भुगतान किया जाता है.’ 

धूपर उस पुरस्कार राशि का जिक्र कर रहे थे जो एआईटीए को डेविस कप में भाग लेने के लिए अंतर्राष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) से मिलती है और टीम के सदस्यों के बीच बांटी जाती है. विश्व ग्रुप एक मुकाबले के लिए एआईटीए को लगभग 30 लाख रुपये मिलते हैं और इसका 70 प्रतिशत हिस्सा भाग लेने वाले खिलाड़ियों के बीच बांटा जाता है जबकि बाकी का 30 प्रतिशत राष्ट्रीय महासंघ के प्रशासनिक खर्चे के लिए रखा जाता है. ज्यादातर विश्व ग्रुप एक तक सीमित भारत एक सत्र में फरवरी और सितंबर में केवल दो ही मुकाबले खेलता है.

निचले ग्रुप के मुकाबले के लिए पुरस्कार राशि कम हो जाती है. धूपर ने कहा, ‘बाकी किसी खिलाड़ी ने आईटीएफ पुरस्कार राशि के अपने हिस्से से अतिरिक्त राशि नहीं मांगी.’

भारत के एक पूर्व डेविस कप खिलाड़ी ने पीटीआई को पुष्टि की कि बीते समय में भी ऐसे उदाहरण रहे हैं जब देश के प्रमुख खिलाड़ियों ने डेविस कप खेलने के लिए पैसे मांगे और उनकी मांगें मान ली गईं. नागल ने एआईटीए के दावे से इनकार नहीं किया और उन्होंने सोशल मीडिया पर एक बयान में अपना बचाव किया. उन्होंने कहा, ‘मुआवजे के बारे में मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि पेशेवर खेलों में खिलाड़ियों के लिए यह आम बात है कि उन्हें प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए राशि दी जाती है, भले ही वे अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हों. यह व्यक्तिगत फायदे की बात नहीं है. एआईटीए और डेविस कप कप्तान के साथ मेरी चर्चा गोपनीय है और मैं इस बारे में किसी भी तरह की अटकलबाजी में शामिल नहीं होना चाहता.’

    यह न्यूज़ भी देखें

    Share