अपने जमाने के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी बोरिस बेकर दिवालियापन से जुड़े अपराधों के कारण ब्रिटेन की कुख्यात वैंड्सवर्थ जेल में बिताए गए आठ महीनों को याद करके रो पड़े. बेकर को जेल में अलग सेल में रखा गया था जहां वह खुद को अकेला महसूस कर रहे थे और उन्हें अपने परिजनों और दोस्तों की कमी खल रही थी. बेकर ने जर्मन प्रसारक एसएटी.1 से साक्षात्कार में कहा, ‘मैंने अपनी जिंदगी में खुद को कभी इतना अकेला महसूस नहीं किया.’
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तीन बार के विंबलडन चैंपियन बेकर को दिवालिया घोषित किए जाने के बावजूद अवैध रूप से बड़ी मात्रा में धन हस्तांतरित करने और संपत्ति छिपाने के आरोप में अप्रैल में 30 महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी. बेकर को रिहाई की पात्रता हासिल करने के लिए कम से कम आधी सजा काटने की जरूरत थी लेकिन विदेशी नागरिकों के लिए फास्ट ट्रैक निर्वासन कार्यक्रम के तहत उन्हें जल्दी रिहा कर दिया गया. बेकर को 15 दिसंबर को उनके देश जर्मनी निर्वासित किया गया था.
जेल में पता चला क्या होती है भूख
इस स्टार खिलाड़ी ने कहा कि वह रोज प्रार्थना करते थे और उन्हें दूसरे कैदियों से हमले की आशंका रहती थी. जेल के अधिकारियों ने उनकी सुरक्षा को देखते हुए उन्हें अलग सेल में रखा था. बेकर को जेल में रहते हुए पहली बार पता चला कि भूख क्या होती है. जेल में उन्हें अक्सर चावल, आलू और सॉस ही मिलता था. इस 55 साल के खिलाड़ी ने कहां, ‘भूख क्या होती है इसका मुझे अपनी जिंदगी में पहली बार अहसास जेल में हुआ.’
जेल में बने दोस्त
जेल में रहते हुए बेकर के कुछ दोस्त भी बने जिन्होंने नवंबर में चॉकलेट केक मंगाकर उनका जन्मदिन मनाया था. बेकर ने कहा, ‘मैंने आजाद दुनिया में भी कभी इस तरह की एकजुटता का अनुभव नहीं किया था.’ बेकर ने बताया कि जेल में एक कैदी उन्हें मारना चाहता था. वह हत्या के जुर्म में 16 साल से जेल में बंद था और बेकर से अपने कपड़े धुलवाना चाहता था. हालांकि जेल में बंद कुछ कैदी बेकर के दोस्त थे और वे उनके बचाव में आए. उन्होंने हत्या के अपराधी को धमकाया और बेकर को कभी परेशान नहीं करने को कहा.
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