भारत दौरे पर पांच टेस्ट की सीरीज के लिए इंग्लैंड स्क्वॉड का ऐलान हो गया. बेन स्टोक्स की कप्तानी में 16 खिलाड़ी चुने गए. लेकिन तेज गेंदबाज क्रिस वॉक्स को नहीं चुना गया. अब इस खिलाड़ी ने सेलेक्शन को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने माना कि भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज से उन्हें बाहर रखकर इंग्लैंड ने सही फैसला किया है क्योंकि उपमहाद्वीप में उनका रिकॉर्ड अच्छा नहीं है. भारत और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट 25 जनवरी से हैदराबाद में खेला जाएगा.
वॉक्स ने इंग्लैंड में 21.88 की औसत से गेंदबाजी की है लेकिन विदेश में उनका औसत 51.88 है. भारत में 2016 में तीन टेस्ट में उन्होंने 81.3 की औसत से तीन ही विकेट लिए. वॉक्स ने ‘ईएसपीएन क्रिकइन्फो’ से कहा, ‘मिले जुले जज्बात हैं. आप हमेशा टेस्ट टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं. लेकिन मेरी उम्र और उपमहाद्वीप में मेरे रिकॉर्ड को देखते हुए यह सही फैसला था. मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट में मैने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इंग्लैंड में ही किया है. ऐसा नहीं है कि उपमहाद्वीप के दौरों पर अब मैं उपलब्ध नहीं रहूंगा लेकिन मुझे इस फैसले से भी कोई परेशानी नहीं है. मुझे पूरी सूचना दी गई थी और मुझे कोई मलाल नहीं है.’
भारत में टेस्ट बॉलिंग पर वॉक्स ने बताई सच्चाई
वॉक्स ने विदेश में जब आखिरी टेस्ट सीरीज खेली थी तब नतीजे उम्मीदों के मुताबिक नहीं थे. जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड की गैरमौजूदगी में उन्हें नई गेंद का जिम्मा दिया गया था लेकिन वह तीन टेस्ट में 48.80 की औसत से पांच ही विकेट ले पाए थे. उन्होंने कहा, मैंने दिल खोलकर बॉलिंग करने की कोशिश की और मुझे काफी संघर्ष करना पड़ा, उस समय मेरे घुटने में सूजन था और उसके बाद मुझे सर्जरी करानी पड़ी. छह महीने तक मैं क्रिकेट से दूर रहा.
वॉक्स को लगता है कि भारत दौरे से दूर रहने के चलते उनका करियर लंबा होगा. उन्होंने कहा, 'मैं भारत में फिर से ऐसा नहीं चाहता था. वहां की पिच मेरी तरह की बॉलिंग को मदद नहीं करती. 34 साल की उम्र में फ्रंट फुट को बार-बार पटकना आदर्श नहीं. मैं आगे चलकर सफेद गेंद क्रिकेट खेलना चाहता हूं.'
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने वॉक्स को भारत दौरे के लिए नहीं चुनने पर हैरानी जताई. उन्होंने कहा, 'इससे लगता है कि इंग्लैंड उसे भारत में बॉलिंग लायक नहीं मानता. यह साफ सी बात है. मैं यह देखकर हैरान हूं.'
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