भारत और बांग्लादेश के बीच तीन मैचों की टी20 सीरीज का पहला मुकाबला ग्वालियर में 6 अक्टूबर को खेला जाना है. यह मैच नए बने श्रीमंत माधवराव सिंधिया क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा. ग्वालियर लंबे समय से इंटरनेशनल क्रिकेट की मेजबानी करता रहा है लेकिन पिछले 14 साल से यहां पर कोई इंटरनेशनल मैच नहीं हुआ. आखिरी बार 2010 में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच वनडे मुकाबले के रूप में यहां इंटरनेशनल मैच हुआ था. पहले ग्वालियर में कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में क्रिकेट मुकाबले खेले जाते थे.
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यह मैदान हॉकी के जादूगर ध्यान चंद के छोटे भाई के नाम पर है. पहले इस मैदान पर हॉकी मैच होते थे. फिर क्रिकेट होने लगा. अब मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने अपना खुद का स्टेडियम तैयार किया है जिसका नाम ग्वालियर के पूर्व महाराजा माधवराव सिंधिया के नाम पर रखा गया है. इस स्टेडियम में पहली बार इंटरनेशनल मैच हो रहा है.
सचिन तेंदुलकर ने ग्वालियर में जड़ा था दोहरा शतक
ग्वालियर में आखिरी बार 2010 में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच वनडे मुकाबले के रूप में इंटरनेशनल मैच हुआ था. तब सचिन तेंदुलकर ने दोहरा शतक लगाया था. वह वनडे क्रिकेट में यह कमाल करने वाले पहले पुरुष क्रिकेटर हैं. वह मुकाबला रूप सिंह स्टेडियम में हुआ था. यहां पर सबसे पहले 1988 में इंटरनेशनल मैच हुआ था जिसमें भारत और वेस्ट इंडीज की टक्कर हुई थी. ग्वालियर में 22 साल की अवधि में 12 वनडे मुकाबले खेले गए. इनमें से भारत ने आठ में जीत हासिल की थी. 1996 में यहां पर भारत और वेस्ट इंडीज के बीच वर्ल्ड कप मैच भी खेला गया था.
ग्वालियर के नाम है यह दिलचस्प रिकॉर्ड
भारत में ग्वालियर इकलौता ऐसा वेन्यू है जहां पर लगातार दो दिन तक वनडे मुकाबले खेले गए. ऐसा 1993 में भारत और इंग्लैंड के बीच हुआ था तब सीरीज का चौथा व पांचवां मैच लगातार खेला गया. ग्वालियर ने 1991 में साउथ अफ्रीका की मेजबानी की थी जो इस टीम का इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी के बाद दूसरा ही मैच था. ग्वालियर में आखिरी बार 2022 ईरानी कप का मुकाबला खेला गया था. इसमें मध्य प्रदेश और रेस्ट ऑफ इंडिया की टक्कर हुई. इसमें रेस्ट ऑफ इंडिया ने 238 रन से जीत हासिल की थी. उस मैच में यशस्वी जायसवाल ने पहली पारी में दोहरा शतक और दूसरी में शतक लगाया था.