रोहित शर्मा ने खिलाड़ियों पर लगाम लगाने वाली BCCI गाइडलाइंस की उड़ाई धज्जियां, प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले- इन नियमों के बारे में....

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का ऐलान 18 जनवरी को मुंबई में हुआ. चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर और कप्तान रोहित शर्मा ने स्क्वॉड की घोषणा की.

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भारतीय कप्तान रोहित शर्मा.

Highlights:

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम की हार के बाद पिछले दिनों BCCI की 10 पॉइंट की गाइडलाइंस सामने आई थी.

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए 18 जनवरी को मुंबई में भारतीय स्क्वॉड की घोषणा हुई.

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का ऐलान 18 जनवरी को मुंबई में हुआ. चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर और कप्तान रोहित शर्मा ने स्क्वॉड की घोषणा की. इस दौरान दोनों ने सेलेक्शन और भारतीय क्रिकेट से जुड़े बाकी मसलों पर सवालों के जवाब दिए. इनमें एक प्रश्न बीसीसीआई के खिलाड़ियों से जुड़ी गाइडलाइंस को लेकर भी पूछा गया. इस पर रोहित शर्मा ने तीखा जवाब दिया. उन्होंने इन गाइडलाइंस की वैधता पर ही सवाल खड़े कर दिए और पूछा कि क्या यह आधिकारिक रूप से जारी हुए हैं. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम की हार के बाद बीसीसीआई ने पिछले दिनों 10 पॉइंट की गाइडलाइंस जारी की थी. इसमें विदेशी दौरों पर जाने के दौरान लगेज बैग, परिवार के साथ रहने की अवधि जैसे बातें शामिल है.

रोहित शर्मा से जब इन गाइडलाइंस के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया, 'आपको इन नियमों के बारे में किसने बताया. क्या यह बीसीसीआई की ओर से आधिकारिक तौर पर जारी हुए हैं. आधिकारिक तौर पर आने दीजिए.' इससे पहले जब प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होने वाली थी तब रोहित की अजीत अगरकर से गुपचुप बातचीत सामने आई थी. इसमें वह बोर्ड सेक्रेटरी देवजीत सैकिया के साथ बैठकर बात करने का कहते सुनाई देते हैं. वे बताते हैं कि फैमिली और बाकी मसलों पर बात करनी होगी. इससे लगा कि रोहित बीसीसीआई गाइडलाइंस को लेकर सेक्रेटरी से बात करेंगे. हालांकि जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने इस पर उलटा जवाब दिया.

अजीत अगरकर ने गाइडलाइंस पर क्या कहा

 

वहीं चीफ सेलेक्टर अगरकर ने इस बारे में कहा कि यह सजा नहीं है. कोई स्कूल नहीं चल रहा कि सजा दी जाए. उन्होंने कहा, 'हर टीम के अपने कुछ नियम होते हैं और जब आप खेलते हैं तो उनको मानना होता है. यह स्कूल नहीं है. यह सजा भी नहीं है. आपको कुछ नियम मानने होते हैं. इनमें से बहुत सारे तो पहले से ही लागू थे और आगे बढ़ते हुए इनमें बदलाव होते रहते हैं.'

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