'बैजबॉल के टूटेंगे सारे भरम धीरे-धीरे...', भारत ने 4 टेस्ट में रनचेज़ से लेकर तूफानी बैटिंग तक इस तरह तोड़ा इंग्लैंड टेस्ट टीम का घमंड

बेन स्टोक्स और ब्रेंडन मैक्कलम के जून 2022 में जिम्मा संभालने और बैजबॉल अंदाज अपनाने के बाद पहली बार इंग्लैंड टेस्ट टीम पर सीरीज गंवाने का खतरा मंडरा रहा है.

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Shakti Shekhawat

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ब्रेंडन मैक्कलम और बेन स्टोक्स के नेतृत्व वाली इंग्लिश टीम पर भारत में हार का खतरा मंडरा रहा.

ब्रेंडन मैक्कलम और बेन स्टोक्स के नेतृत्व वाली इंग्लिश टीम पर भारत में हार का खतरा मंडरा रहा.

Story Highlights:

इंग्लैंड भारत के खिलाफ लगातार दो टेस्ट हार चुकी है.

इंग्लैंड की बैजबॉल रणनीति भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कामयाब नहीं रही.

बेन स्टोक्स की कप्तानी वाली इंग्लैंड क्रिकेट टीम भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज गंवाने की कगार पर है. हैदराबाद में पहला टेस्ट जीतने के बाद माना गया था कि इंग्लिश टीम इस बार कमाल कर सकती है लेकिन विशाखापतनम और राजकोट में करारी शिकस्त ने उसके अरमानों को बुरी तरह तोड़ दिया. रांची टेस्ट में इंग्लिश टीम ने शोएब बशीर की शानदार गेंदबाजी से भारत को बैकफुट पर धकेल दिया लेकिन तीसरे दिन के खेल ने पासा पलट दिया. आर अश्विन और कुलदीप यादव की घातक बॉलिंग से टीम इंडिया ड्राइवर सीट पर आ गई और मैच व सीरीज जीतने के करीब है. हैदराबाद टेस्ट के बाद के तीन मैचों में टीम इंडिया के आगे इंग्लैंड की बैजबॉल रणनीति की पोल खुल गई.

 

बेन स्टोक्स ने इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान और ब्रेंडन मैक्कलम ने कोच बनने के बाद नए अंदाज से खेलने का फैसला लिया. इसके तहत आक्रामक अंदाज में बैटिंग करने और साहसी फैसले लेने का चुनाव किया गया. ब्रिटिश मीडिया ने इसे बैजबॉल कहा. जून 2022 से इंग्लिश टीम ने नए अंदाज में खेलना शुरू किया. उसे इसका फायदा मिला. घर में उसने लगातार मैच जीते. फिर पाकिस्तान में भी टेस्ट सीरीज फतेह की. स्टोक्स की कप्तानी में इंग्लैंड की टीम ने कोई सीरीज नहीं गंवाई. इस शानदार रिकॉर्ड के साथ वह भारत पहुंची. भारत दौरे को लेकर कहा गया था कि यहीं पर बैजबॉल की असली परीक्षा हुई.

 

भारत में सीरीज आगे बढ़ी, बैजबॉल लड़खड़ाया

 

भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज जैसे-जैसे आगे बढ़ी वैसे-वैसे बैजबॉल के तहत लिए फैसले उलटे पड़ते गए. भारतीय पिचों और खिलाड़ियों के आगे जून 2022 से चला रहा खेल दम तोड़ने लगा. शुरुआत विशाखापतनम से हुई. जहां इंग्लैंड लक्ष्य का पीछा करते हुए हारा. स्टोक्स के कप्तान बनने के बाद से इंग्लिश टीम तब तक 10 टेस्ट में केवल दो ही बार लक्ष्य का पीछा करते हुए हारी थी और जब भी हारी तब करीबी अंतर से पीछे रही. लेकिन टीम इंडिया ने उसे 106 रन से मात दी जो स्टोक्स युग की सबसे बड़ी हार रही.

 

इंग्लैंड को विशाखापतनम के बाद राजकोट में भी लक्ष्य का पीछा करते हुए हार मिली. इस बार अंतर 434 रन का रहा. यह इंग्लैंड के टेस्ट इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी शिकस्त रही. साथ ही यह स्टोक्स युग में पहली बार था जब इंग्लैंड लगातार दो टेस्ट में लक्ष्य का पीछा करते हुए हारी.

 

रांची में कछुआचाल से बनाए रन

 

रांची टेस्ट में भी इंग्लैंड का एक और बड़ा सिद्धांत ध्वस्त हो गया. इंग्लिश टीम ने चौथे टेस्ट की पहली पारी में 2.97 की इकॉनमी से रन जुटाए. दूसरी पारी में उनकी रनरेट और गिर गई. इस बार उनके बल्लेबाज 2.69 की इकॉनमी से ही रन बना सके. अगर पूरे टेस्ट के नजरिए से देखे तो उन्होंने रांची में 3.13 की रनरेट से रन बनाए. इसके अनुसार इंग्लिश बल्लेबाजों ने स्टोक्स युग में सबसे धीमी बैटिंग की. इससे पहले 2022 में लॉर्ड्स टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने 3.45 की रनरेट से रन बनाए थे.

 

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