भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड कप 2023 फाइनल में दोनों टीमों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला. पहले 10 ओवर में भारतीय बल्लेबाजों के आतिशी खेल के बाद ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने पलटवार किया और रन सुखा दिए. मिडिल ओवर्स में भारतीय बल्लेबाज बाउंड्री लगाने में बुरी तरह नाकाम रहे. 11 से 40 ओवर के बीच केवल दो चौके लगे. यानी 180 गेंद में भारतीय बल्लेबाज केवल दो बार गेंद को बाउंड्री में दाखिल कर पाए. इस दौरान विराट कोहली, केएल राहुल, रवींद्र जडेजा और सूर्यकुमार यादव ने बल्लेबाजी की लेकिन कोई भी चढ़कर नहीं खेल सका. इस अवधि में जो दो चौके आए वह राहुल और सूर्या के बल्ले से निकले. इन दोनों के चौकों के बीच भारत ने एक बार 97 तो एक बार 81 गेंद बिना बाउंड्री के खेली. यह वर्ल्ड कप इतिहास का सबसे खराब रिकॉर्ड है. इससे पहले केवल एक ही बार ऐसा हुआ है जब कोई टीम 11 से 40 ओवर के बीच दो चौके लगा सकी है. वहीं इस वर्ल्ड कप में भारत पहली बार मिडिल ओवर्स में कोई सिक्स नहीं लगा सका. इससे टीम इंडिया पर दबाव बन गया. यह इस वर्ल्ड कप में बड़ी टीमों में सबसे खराब प्रदर्शन रहा जबकि ओवरऑल बिना बाउंड्री के तीसरी सबसे लंबी अवधि रही. यहां पर भारतीय टीम नेदरलैंड्स से ही पीछे रही.
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अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में भारत को रोहित शर्मा ने एक बार फिर से आतिशी शुरुआत दी. उन्होंने 31 गेंद में 47 रन बनाए. इस पारी में तीन चौके और चार छक्के शामिल रहे. शुभमन गिल (4) और श्रेयस अय्यर (4) सस्ते में निपट गए. 10 ओवर के बाद भारत का स्कोर दो विकेट पर 80 रन था. इस तरह टीम इंडिया ने एक बार फिर से पहले पावरप्ले का पूरा फायदा लिया. लेकिन रोहित और श्रेयस के पांच गेंद के अंदर आउट होने से टीम इंडिया दबाव में आ गई. अब कोहली और राहुल साथ थे. दोनों ने शुरुआत में कोई जोखिम नहीं लिया तो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की ओर से उन्हें कोई ढीली गेंद भी नहीं मिली.
10 के बाद 26वें ओवर में आया चौका
इसका नतीजा रहा कि 11 से 20 ओवर के बीच भारत के खाते में केवल 35 रन आए. इस दौरान एक भी चौका या छक्का नहीं लगा. राहुल और कोहली ने 60 में से 29 गेंद डॉट खेली. दिलचस्प बात रही कि इस 11 से 20 ओवर की अवधि में ऑस्ट्रेलिया ने कोई एक्स्ट्रा भी नहीं दिया. इसके बाद अगले पांच ओवर्स में भी भारतीय बल्लेबाज बाउंड्री नहीं जुटा सके. 26वें ओवर में जाकर केएल राहुल ने यह सूखा खत्म किया. उन्होंने ग्लेन मैक्सवेल की ओर से फेंके गए ओवर की दूसरी गेंद को पैडल स्कूप के जरिए चौके के लिए भेजा. इस तरह 97 गेंद के बाद भारत के खाते में बाउंड्री आई. इसके बाद भी भारत के चौके लगने शुरू नहीं हुए. अगला चौका 81 गेंद के बाद में आया. 27वें ओवर के बाद 39वें ओवर के आखिर में सूर्या ने एडम जैंपा की गेंद पर चौका जड़ा.
यह इस वर्ल्ड कप में भारत की ओर से बिना बाउंड्री की सबसे लंबी अवधि रही. उनसे आगे केवल नेदरलैंड्स रहा. डच टीम ने इसी वर्ल्ड कप में अफगानिस्तान के खिलाफ बिना चौका-छक्का लगाए 95 गेंद खेली थी. श्रीलंका के खिलाफ 128 गेंद उसने बिना बाउंड्री के खेली थी.
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