ग्लेन मैक्सवेल ने वनडे क्रिकेट इतिहास की सबसे धांसू पारी खेल नया इतिहास बना दिया. ऑस्ट्रेलिया की टीम ने एक समय 91 रन के कुल स्कोर पर 7 विकेट गंवा दिए थे. लेकिन मैक्सवेल की तूफानी पारी की बदौलत टीम ने 292 रन के लक्ष्य का पीछा कर दिया. मुंबई के वानखेड़े में मैक्सवेल दर्द में होने के बाद नाबाद 201 रन ठोकने में कामयाब रहे. मैक्सवेल को 9वें ओवर में हैट्रिक गेंद का सामना करना पड़ा और वो बच गए. अजमतुल्लाह ओमरजई पहले ही 2 गेंद पर 2 विकेट ले चुके थे. लेकिन मैक्सवेल ने उनकी हैट्रिक नहीं होने दी.
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ऑस्ट्रेलिया की टीम ने एक समय 49 के स्कोर पर 4 विकेट गंवा दिए थे और टीम हार के करीब पहुंच चुकी थी. लेकिन इसके बाद मैक्सवेल ने चौके- छक्कों की बरसात करनी शुरू की और अफगानी खिलाड़ी देखते रहे गए. अफगानिस्तान की टीम ये मैच भी जीत लेती लेकिन मैक्सवेल के आगे हर खिलाड़ी पस्त दिखा. अफगानिस्तान इससे पहले इंग्लैंड, पाकिस्तान और श्रीलंका को हराकर आई थी.
अफगानिस्तान की टीम ने मार्नस लाबुशेन और मार्कस स्टोइनिस को आउट कर दिया था. और इसके बाद क्रीज पर मैक्सवेल आए. मैक्सवेल ने अपने कप्तान पैट कमिंस के साथ मिलकर नया इतिहास बनाया और 202 रन की रिकॉर्ड साझेदारी की. कमिंस ने इस दौरान 68 गेंद पर सिर्फ 12 रन बनाए लेकिन वो क्रीज पर जमे रहे. मैक्सवेल के साथ अंत तक रहने के लिए उनकी जमकर तारीफ हो रही है. ऐतिहासिक वनडे पारी खेलने के बाद मैक्सवेल ने कहा कि, 49 रन पर जब 4 विकेट हो चुके थे तब हमारे पास ज्यादा प्लान्स नहीं थे.
डिफेंड करता तो आउट हो जाता
मैक्सवेल ने आगे कहा कि, मैं बस जिस डिलिवरी का सामना कर रहा था उसे मारना चाहता था. मैक्सवेल को कई बार क्रैम्प्स भी आए और ये सबकुछ शतक लगाने के बाद हुआ लेकिन इसके बावजूद ये बल्लेबाज खेलता रहा. मैक्सवेल का कैच दो बार छूटा लेकिन फिर भी जीवनदान हासिल कर मैक्सवेल आगे बढ़ते चले गए. मैक्सवेल ने आगे कहा कि, मैं अब काफी मजबूत महसूस कर रहा हूं. मैदान पर फील्डिंग और बैटिंग के दौरान गर्मी काफी ज्यादा थी. और मैंने इस गर्मी में ज्यादा ट्रेनिंग भी नहीं की थी. लेकिन अंत तक क्रीज पर रहकर काफी अच्छा लग रहा है. मैं बस अपने प्लान पर रहना चाहता था और पॉजिटिव सोचना चाहता था. अगर मैं डिफेंड करता तो मैं अपना विकेट गंवा देता.
मैक्सवेल ने बताया कि, सेमीफाइनल में पहुंचकर काफी अच्छा लग रहा है. पहले दो मैचों के बाद लोग हमें फिसड्डी बोल रहे थे. लेकिन एक टीम के रूप में हमें पूरा विश्वास था. मैच के बाद अब ये विश्वास और ज्यादा बढ़ गया है. बता दें कि ऑस्ट्रेलिया को अपना आखिरी लीग मैच बांग्लादेश के खिलाफ 11 नवंबर को खेलना है.
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