भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ 2007 विश्व कप में उस टीम के कप्तान थे जो शुरुआती दौर में बाहर हो गयी थी. अब वह रविवार (19 नवंबर) को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड कप फाइनल में इसकी भरपाई करना चाहेंगे. द्रविड़ के नाम वनडे में 10,889 रन है लेकिन भारतीय कप्तान के तौर पर 2007 विश्व कप से उनकी विरासत में जो दाग लगा, उसे कोच के तौर पर वह 16 साल बाद मिटाना चाह रहे होंगे जब उनके खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप फाइनल में उतरेंगे. द्रविड़ की कप्तानी में भारत ने 2007 में इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीती थी यह आज तक टीम इंडिया की वहां पर आखिरी सीरीज जीत है. लेकिन इसके बाद भी द्रविड़ को 2007 वर्ल्ड कप की नाकामी के लिए ज्यादा याद किया जाता है.
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दिलचस्प बात है कि भारतीय कोच के रूप में उनके दो साल के अनुबंध का अंतिम दिन भी रविवार ही है. उनका अनुबंध संयुक्त अरब अमीरात में टीम के 2021 टी20 विश्व कप के ग्रुप लीग के बाहर होने के बाद शुरू हुआ था. अगर भारत जीत जाता है तो उन्हें इस पद पर बरकरार रखने के लिए काफी शोर होगा लेकिन जो भी द्रविड़ को जानता है, वो कहेगा कि वह इस खिताबी जीत पर बहुत गौरवान्वित होंगे.
भारतीय टीम में उनके एक पूर्व साथी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘जैमी (राहुल का निकनेम) ऐसा है जो बहुत स्वाभिमानी है. उन्होंने 2007 विश्व कप में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कप्तानी नहीं छोड़ी थी लेकिन कुछ महीनों के बाद इंग्लैंड में सीरीज जीती थी और वनडे सीरीज भी अच्छी रही थी. इंग्लैंड में टेस्ट जीत के बाद ही वह पद से हटे. यहां भी अगर भारत जीतता है तो बीसीसीआई उन्हें नया अनुबंध पेश कर सकता है.’
जूनियर लेवल पर कोच रहते हुए तैयार किए खिलाड़ी
खिलाड़ी और कोच के रूप में द्रविड़ में ज्यादा बदलाव नहीं दिखा. वह तब भी संतुलित रहते थे और अब भी वैसे ही हैं. वह तब भी डेटा पर खासा ध्यान देते थे और अब भी एनालिटिक्स को देखते हैं. उन्होंने शुरुआत जूनियर लेवल पर कोचिंग के साथ की. फिर नेशनल क्रिकेट एकेडमी के डायरेक्टर बने. यहां उन्होंने भारत के लिए सीनियर लेवल पर खिलाड़ियों को तैयार करने का काम किया. शुभमन गिल, मोहम्मद सिराज और श्रेयस अय्यर इंडिया ए के लिए खेलते हुए आगे बढ़े हैं.
वहीं रोहित शर्मा, विराट कोहली, रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन के साथ द्रविड़ खेलने का अनुभव भी रखते हैं. उन्होंने कोच रहते हुए सीनियर और जूनियर खिलाड़ियों के बीच कम्युनिकेशन को बेहतर किया है. रोहित और द्रविड़ भारत को दो आईसीसी इवेंट के फाइनल में ले गए हैं तो एक के सेमीफाइनल तक खेले.
द्रविड़ अब 51 साल के होने वाले हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वह आगे भी सालभर सक्रियता और हाई प्रेशर वाले टीम इंडिया के कोच पद को संभालेंगे. पैसा द्रविड़ के लिए कोई दिक्कत नहीं होगी क्योंकि आईपीएल टीमों से उन्हें आराम से ऑफर मिल जाएंगे.
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