सूर्यकुमार यादव ने T20 World Cup से पहले घटाया 15 किलो वजन, सर्जरी के बाद 4 महीने में इस तरह किया कमाल

भारतीय क्रिकेटर सूर्यकुमार यादव ने सर्जरी के बाद पिछले चार महीनों में 15 किलो के आसपास वजन घटाया है. उनकी डायटिशियन श्वेता भाटिया ने यह खुलासा किया.

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Shakti Shekhawat

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सूर्यकुमार यादव टी20 फॉर्मेट के नंबर एक बल्लेबाज हैं.

सूर्यकुमार यादव टी20 फॉर्मेट के नंबर एक बल्लेबाज हैं.

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सूर्यकुमार यादव ने जनवरी 2024 में स्पोर्ट्स हर्निया की सर्जरी कराई थी.

सूर्यकुमार यादव इंजरी और सर्जरी के चलते काफी समय तक खेल से दूर रहे थे.

सूर्यकुमार यादव साल 2024 की शुरुआत में फिटनेस के मसले पर परेशान थे. दिसंबर 2023 में साउथ अफ्रीका दौरे पर उन्हें इंजरी हो गई थी. जनवरी 2024 में उन्हें हर्निया की सर्जरी करानी पड़ी. सूर्या इन वजहों से काफी समय तक क्रिकेट से दूर रहे. लेकिन टी20 वर्ल्ड कप 2024 से पहले वह पूरी तरह फिट हो चुके हैं और क्रिकेट के मैदान पर फिर से धूम मचा रहे हैं. आईपीएल 2024 के जरिए उन्होंने वापसी की थी. सूर्यकुमार यादव ने पिछले चार महीनों में 15 किलो के आसपास वजन घटाया है. उनकी डायटिशियन श्वेता भाटिया ने यह खुलासा किया.

 

सूर्याा ने सर्जरी के बाद फिटनेस हासिल करने के लिए संयमित डाइट प्लान लिया. साथ ही कड़ी ट्रेनिंग भी की जिससे वजन घटाने में मदद मिली. दुनिया के नंबर एक टी20 बल्लेबाज सूर्या अब पहले से बेहतर दिखाई देते हैं. उनकी डायटिशियन भाटिया ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा,

 

अगर आप उन्हें देखेंगे तो वह काफी पतले और मजबूत दिखाई देते हैं. उनकी डाइट प्लान की गई थी. रिकवरी रेट और मसल गेन रेट के बीच संयोजन रखा गया ताकि रिकॉर्ड समय में इसे हासिल किया जा सके. कुल मिलाकर अभी तक 14-15 किलो वजन कम किया. सर्जरी के बाद उनका वजन थोड़ा बढ़ गया था जो कि स्वाभाविक होता है. उन्होंने जो 15 किलो वजन घटाया है उसमें से 13 किलो फैट था. यह डेक्सा मशीन से जांचा जा सकता है.

 

सूर्या ने कैसे कम किया वजन

 

बीसीसीआई की नेशनल क्रिकेट एकेडमी में डेक्सा मशीन के जरिए खिलाड़ी के शरीर को जांचा जाता है. इसके जरिए पता चलता है कि शरीर में कितन फैट है और कितनी मसल्स हैं. भाटिया ने कहा कि इंजरी के बाद सूर्या के डाइट प्लान में सख्ती बरती गई क्योंकि जब सक्रियता नहीं होती है तब आप सीधे खाने की मात्रा नहीं बढ़ा सकते हैं. उस समय विटामिन सप्लीमेंट्स का ध्यान रखना होता है. भाटिया ने कहा,

 

वह एनसीए में थे और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग पर ज्यादा काम करना था ताकि उसकी वापसी अच्छी हो सके. हम रिहैब प्रोग्राम में दखल नहीं देते लेकिन हमें एनसीए के साथ रिकवरी रेट को लेकर संयोजन रखना होता है क्योंकि अगर वह धीमी है तो हम पीछे छूट रहे हैं. आपसी सहमति से यह बात तय हुई कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग पर फोकस रहेगा क्योंकि जब सीजन चालू रहता है तब क्रिकेटर्स के पास स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के लिए वक्त नहीं होता है.

 

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