Virat Kohli: दिल्ली का 'चीकू' जिसने क्रिकेट में छुआ कामयाबी का सर्वोच्च शिखर, मुश्किल को सीढ़ी बनाकर मचाई धूम

2008 में विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने अंडर 19 वर्ल्ड कप जीता. इस कामयाबी ने उन्हें पूरे देश में मशहूर कर दिया और भारतीय क्रिकेट में एक नया सितारा चमका.

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विराट कोहली.

विराट कोहली.

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विराट कोहली 2008 में भारतीय टीम का हिस्सा बने थे.

विराट कोहली भारत के कामयाब कप्तान भी रहे हैं.

विराट कोहली, एक ऐसा नाम जो आधुनिक क्रिकेट का सबसे बड़ा सितारा माना जाता है. जो जब खेलने उतरता है तो सबकी नज़रें ठहर सी जाती है. जो क्रिकेट का चेहरा हैं. दिल्ली के पश्चिमी इलाके से जब वह निकले थे तब अल्हड़ थे, किशोर वय होने की नादानियां थीं और देखने में बाकी भारतीय क्रिकेटर्स की तरह ही नज़र आते थे. लेकिन जब इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा तो पूरा परिदृश्य बदल दिया. फिटनेस का अवतार अपना लिया और अपने खेल को नए आसमान पर ले गए. आज जो नए खिलाड़ी आते हैं वे विराट कोहली को अपना आदर्श मानते हैं. वे अपने खेल को पूरी तरह से उनके रंगढंग में बदलना चाहते हैं. लेकिन कोहली की कहानी बहुत से बलिदानों, मुश्किल हालातों से गुजरते हुए आगे बढ़ी है.

 

कोहली उत्तम नगर की गलियों में पले-बढ़े हैं. बचपन में चंपक कॉमिक्स को पसंद करते थे और इसी वजह से चीकू निकनेम हो गया. जल्द ही पिता ने उन्हें राजकुमार शर्मा के पास क्रिकेट के गुर सीखने के लिए भेज दिया. इसके बाद कोहली की कहानी क्रिकेट में आगे बढ़ती गई. वे एज लेवल पर चमक बिखेरना शुरू कर चुके थे लेकिन फिर एक ऐसा धक्का उन्हें जीवन में लगा जो किसी को भी तोड़ सकता है. कोहली के पिता प्रेम नाथ का देहांत हो गया. उस समय यह बल्लेबाज दिल्ली की ओर से खेल रहा था. पिता के गुजरने की खबर मिलने पर कोहली घर गए, पिता के दाह संस्कार में शामिल हुए और अगले दिन फिर से खेलने के लिए पहुंच गए. तब कोहली केवल 18 साल के थे. उनके इस जज्बे ने दिल्ली टीम के उनके साथियों को हैरान कर दिया.

 

अंडर 19 वर्ल्ड कप की कामयाबी और सितारे का उदय

 

दो साल बाद 2008 में कोहली की कप्तानी में भारत ने अंडर 19 वर्ल्ड कप जीता. इस कामयाबी ने उन्हें पूरे देश में मशहूर कर दिया. कुछ ही सालों में वे टीम इंडिया का हिस्सा बने और इसके बाद पीछे मुड़कर देखने का समय ही नहीं था. उन्होंने दिन-रात कामयाबी की नई इबारत लिखी. हर गुजरते दिन के साथ रिकॉर्ड तोड़ते गए और अपना नाम वहां लिखते रहे. इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखे उन्हें 16 साल हो चुके हैं और इस अवधि में सभी बल्लेबाजों को पीछे छोड़ चुके हैं.

 

कोहली टी20 क्रिकेट के सुपरस्टार

 

कोहली उन खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में एकसमान दबदबा कायम किया है. एक समय वे इकलौते बल्लेबाज थे जिनकी तीनों फॉर्मेट में 50 से ऊपर की औसत थी. दिलचस्प बात है कि बाकी कई बल्लेबाजों की तरह उन्होंने टी20 में कामयाबी के लिए अतरंगी शॉट्स न तो ईजाद किए और न ही अपनाए. वे ठेठ परंपरागत शॉट्स के जरिए ही कामयाब रहे हैं. उन्होंने भारत के लिए अभी तक 117 टी20 मुकाबले खेले हैं. इनमें 51.75 की औसत और 138.15 की स्ट्राइक रेट से 4037 रन बनाए. एक शतक और 37 अर्धशतक वे लगा चुके हैं. अगर ओवरऑल टी20 करियर को देखा जाए तो 391 मैच खेले हैं और 42.02 की औसत और 134.50 की स्ट्राइक रेट से 12735 रन बनाए. नौ शतक और 96 फिफ्टी लगाई हैं. 
 

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