7 महीने, तीन सीरीज और 25 खिलाड़ी, वीवीएस लक्ष्मण ने इस तरह से भारत को बनाया महिला अंडर19 टी20 वर्ल्ड चैंपियन

भारतीय महिला अंडर 19 टीम ने जनवरी में टी20 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रचा.

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भारतीय महिला अंडर 19 टीम ने जनवरी में टी20 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रचा. पहली बार खेले गए महिला अंडर 19 टी20 वर्ल्ड कप को भारत ने इंग्लैंड को हराकर अपने नाम किया. उसने पहली बार में ही खिताब जीतकर कमाल किया. भारत पुरुषों के अंडर19 वर्ल्ड कप में सबसे सफल टीम है. ऐसे में महिला अंडर 19 टीम को लेकर भी काफी उम्मीदें थीं. ऐसे में कामयाबी के बीज सात महीने पहले बोए गए थे. नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) के आला अधिकारियों ने इस टूर्नामेंट के लिए सात महीने तक प्लानिंग की थी. इसके तहत वीवीएस लक्ष्मण के नेतृत्व में एनसीए ने सक्रिय रहते हुए लगातार कैंप आयोजित किए और साउथ अफ्रीका में वर्ल्ड कप होने से पहले लगातार सीरीज कराईं. इसकी शुरुआत जून 2022 में 25 संभावितों के साथ हुई. इन खिलाड़ियों को घरेलू अंडर 19 टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन के दम पर चुना गया था.

 

इसके बाद खिलाड़ियों ने चैलेंजर ट्रॉफी में हिस्सा लिया. इसमें वेस्ट इंडीज, श्रीलंका और भारत की दो टीमों ने हिस्सा लिया. फिर न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका से सीरीज खेली गईं. इन सीरीज के जरिए टीम इंडिया की खिलाड़ियों को काफी एक्सपोज़र मिला. टीम के फील्डिंग कोच मुनीष बाली जिनके पास 2008 में विराट कोहली और 2012 में उन्मुक्त चंद के साथ अंडर 19 वर्ल्ड कप जीतने का अनुभव है, उन्होंने बताया कि इंटरनेशनल टीमों से खेलने की वजह से खिलाड़ियों का प्रदर्शन सुधरता गया और वर्ल्ड कप से पहले यह चरम पर था. उन्होंने पीटीआई को बताया, 'जिस तरह खिलाड़ियों को तैयार किया गया उसके लिए एनसीए को काफी क्रेडिट देना चाहिए. लड़कों की तुलना में लड़कियों को एज लेवल पर ज्यादा मैच नहीं मिलते हैं लेकिन बीसीसीआई ने यह तय कियाकि उन्हें सर्वश्रेष्ठ तैयारी और प्रतिस्पर्धा मिले.'

 

ये खिलाड़ी हैं भविष्य के सितारे

बाली का मानना है कि श्वेता सहरावत, पार्श्वी चोपड़ा, अर्चना देवी, मन्नत कश्यप और टिटास साधु इस कामयाबी के बाद स्टार बन गईं लेकिन उन्हें अभी लंबा रास्ता तय करना है. वीमन्स आईपीएल के लिए जरिए इन्हें बूस्ट मिलेगा. अभी केवल शुरुआत है आगे पूरा भविष्य है. उनका मानना है कि जिन खिलाड़ियों को मौके नहीं मिले हैं वे भी भविष्य की स्टार हैं. उन्होंने बताया, 'टीम रणनीति के तहत साधु ने सबसे ज्यादा मैच खेले क्योंकि वह ऑलराउंड खेल दिखा सकती हैं. तेज गेंदबाजों में शबनम एमडी पर भी नज़र रखनी चाहिए. उसका शानदार रनअप है और वह 110 किलोमीटर प्रतिघंटे से गेंद फेंकती हैं. सौम्या तिवारी भी काफी प्रतिभाशाली हैं.'

 

मुनीष बाली का मानना है कि वर्ल्ड कप खेलनी वाली सभी लड़कियों को जाकर घरेलू क्रिकेट में पसीना बहाना चाहिए. वहां जितना हो सके खेलना चाहिए. 

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