न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने भारत के खिलाफ 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया के बल्लेबाजों की पोल खोलकर रख दी. भारतीय बल्लेबाज स्पिनर्स के खिलाफ पूरी तरह गच्चा खा गए और ऐसा सिर्फ पहले टेस्ट में ही नहीं हुआ बल्कि तीनों टेस्ट मैचों में हर बार की यही कहानी थी. स्पिन को कैसे खेला जाए और भारतीय बल्लेबाजों को कैसी तैयारी करनी चाहिए. इसको लेकर सुनील गावस्कर ने बड़ी नसीहत दी है.
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भारतीय बल्लेबाजों को सचिन से सीखना चाहिए
इंडिया टुडे से एक्सक्लूसिव बातचीत में सुनील गावस्कर ने सचिन तेंदुलकर का उदाहरण दिया और कहा कि
इसलिए सचिन तेंदुलकर एक महान क्रिकेटर कहे जाते हैं. उन्हें खुद पर इतना ज्यादा भरोसा था कि वो टीम के लिए कुछ भी कर सकते थे. ब्रेबोर्न के स्टेडियम में उन्होंने मुंबई के लिए 200 रन ठोके थे जो भूलाया नहीं जा सकता. उस दौरान विरोधी टीम ऑस्ट्रेलिया थी.
गावस्कर ने आगे कहा कि
इसके बाद वो चेन्नई गए और उन्होंने लक्ष्मण शिवारामाकृष्णन को विकेट पर बुलाया. इस दौरान उन्होंने विकेट पर एक ऐसा एरिया तैयार करवाया जो काफी खुरदरा था. ऐसा उन्होंने शेन वॉर्न की गेंद पर स्लॉग स्वीप का अभ्यास करने के लिए करवाया था. सचिन तेंदुलकर की तैयारी इतनी मजबूत थी कि वो टेस्ट में 16000 रन और 100 इंटरनेशनल शतक बनाने में कामयाब रहे. ऐसे में मुझे लगता है कि हर क्रिकेटर को इसी तरह की तैयारी करनी चाहिए. अगर आप ऐसा नहीं करते हो तो गैप बनेंगे और फिर आपको वापसी करने में समय लगेगा.
ब्रेक के बाद कमबैक मुश्किल होता है
गावस्कर ने आगे कहा कि
इसके बाद वो चेन्नई गए और उन्होंने लक्ष्मण शिवारामाकृष्णन को विकेट पर बुलाया. इस दौरान उन्होंने विकेट पर एक ऐसा एरिया तैयार करवाया जो काफी खुरदरा था. ऐसा उन्होंने शेन वॉर्न की गेंद पर स्लॉग स्वीप का अभ्यास करने के लिए करवाया था. सचिन तेंदुलकर की तैयारी इतनी मजबूत थी कि वो टेस्ट में 16000 रन और 100 इंटरनेशनल शतक बनाने में कामयाब रहे. ऐसे में मुझे लगता है कि हर क्रिकेटर को इसी तरह की तैयारी करनी चाहिए. अगर आप ऐसा नहीं करते हो तो गैप बनेंगे और फिर आपको वापसी करने में समय लगेगा.
रोहित- विराट को खुद को साबित करना होगा
गावस्कर ने यहां रोहित शर्मा और विराट कोहली की खराब फॉर्म को लेकर भी बड़ा बयान दिया. गावस्कर ने कहा कि
रोहित शर्मा और विराट कोहली को वापसी करनी होगी और खुद को साबित करना होगा. एक बेहतरीन क्रिकेट की यही पहचान है. लेकिन अगर वो ऑस्ट्रेलिया में फेल होते हैं तो फिर सेलेक्टर्स शायद नए चेहरों की पहचान शुरू कर देंगे.
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