लॉर्ड्स टेस्ट के दूसरे दिन भारत ने शानदार शुरुआत की, लेकिन एक गलत फैसले ने सब कुछ बदल दिया. गेंद बदलने का निर्णय भारत के लिए भारी पड़ गया, और इंग्लैंड ने इसका फायदा उठाकर खेल में वापसी कर ली. पूर्व इंग्लिश गेंदबाज स्टीव हार्मिसन ने इस पर भारत की कड़ी आलोचना की.
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बुमराह का कहर फिर बैकफुट पर चले गए गेंदबाज
बुमराह की धारदार गेंदबाजी ने दिन की शुरुआत में इंग्लैंड को हिलाकर रख दिया. उन्होंने बेन स्टोक्स, जो रूट और क्रिस वोक्स को जल्दी आउट कर इंग्लैंड को 271/7 पर ला दिया. रूट ने 99 रन से शुरुआत करते हुए पहली ही गेंद पर चौका मारकर अपना 37वां टेस्ट शतक पूरा किया, लेकिन बुमराह ने शानदार गेंद के साथ उनकी मिडिल स्टंप उड़ा दी. स्टोक्स भी बुमराह की घातक गेंद का शिकार बने, और वोक्स ने पहली ही गेंद पर ध्रुव जुरेल को कैच थमा दिया. भारत पूरी तरह हावी था और इंग्लैंड की बल्लेबाजी को खत्म करने की स्थिति में था.
गेंद बदलने का विवाद
लेकिन तभी मोहम्मद सिराज ने गेंद की हालत को लेकर शिकायत की और नई गेंद मांगी. हैरानी की बात यह थी कि सिराज ने इस बारे में बुमराह से कोई सलाह नहीं ली, जो उस समय गेंद से कमाल कर रहे थे. अंपायरों ने गेंद बदल दी, लेकिन नई गेंद से भारत का लय टूट गया. नई गेंद में पहले जैसी स्विंग नहीं थी, जिससे इंग्लैंड के बल्लेबाजों को राहत मिली.
हार्मिसन का गुस्सा
जियोहॉटस्टार पर बात करते हुए स्टीव हार्मिसन ने भारत के इस फैसले पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, "मुझे भारत के लिए बिल्कुल भी सहानुभूति नहीं है. गेंद को क्यों बदला? बुमराह उस गेंद से कमाल कर रहे थे. सिराज ने बुमराह से बात तक नहीं की. गेंद बहुत कुछ कर रही थी. नई गेंद लेने का कोई मतलब नहीं था. भारत ने तीन विकेट लिए थे, और फिर अचानक सब बिगड़ गया. शुभमन गिल ने जेमी स्मिथ को आउट करने की कोशिश छोड़ दी और सारे फील्डर बाहर रख दिए. भारत का फैसला गलत था. 10 मिनट में इंग्लैंड को 320 पर समेटने की स्थिति से वे 400 की ओर बढ़ गए."
भारत की निराशा
गेंद बदलने के बाद भारत का जोश कम हो गया. जेमी स्मिथ, जिन्हें पहले 5 रन पर जीवनदान मिला था उन्होंने इसका फायदा उठाया और लंच तक 51 रन बनाकर नाबाद रहे. ब्रायडन कार्स (33*) के साथ उनकी 82 रन की साझेदारी ने इंग्लैंड को मुश्किल से निकाला और भारत को अपनी गलती का पछतावा हुआ.
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