इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की विभिन्न फ्रेंचाइजी से जुड़े कोचेज और विशेषज्ञों को लगता है कि आगामी सत्र में ‘इंपेक्ट प्लेयर’ रखने का नया नियम कुछ अनुभवी खिलाड़ियों के लिये अपने करियर के अंत में दूसरा मौका हो सकता है. इंपेक्ट खिलाड़ी नियम एक टीम को मैच से पहले 15 खिलाड़ियों की टीम में चार ऐसे खिलाड़ियों को रखने की अनुमति देता है और वे टीम की पारी के दौरान 14वें ओवर तक किसी भी समय स्थानापन्न (सब्सटीट्यूट) के तौर पर आ सकते हैं. अगर प्लेइंग इलेवन में सभी चार विदेश खिलाड़ी हों तो केवल भारतीय खिलाड़ी ही इंपेक्ट प्लेयर हो सकता है. अगर प्लेइंग इलेवन में तीन विदेशी खिलाड़ी हों तो एक विदेशी खिलाड़ी इंपेक्ट स्थानापन्न के तौर पर दूसरे की जगह आ सकता है.
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इसे इत्तेफाक कह सकते हैं कि चार अनुभवी भारतीय खिलाड़ियों को नीलामी में 50 लाख रुपये के बेस प्राइस पर ही खरीदा गया है जबकि इन भारतीयों का करियर लगभग खत्म ही है. इनमें 40 साल के अमित मिश्रा (166 विकेट), 34 साल के पीयूष चावला (157 विकेट), मोहित शर्मा (92 विकेट) और इशांत शर्मा (84 विकेट) शामिल हैं.
मिश्रा को लखनऊ सुपर जायंट्स ने खरीदा जिसमें गौतम गंभीर-विजय दहिया की कोच कम मेंटोर की जोड़ी है. दिल्ली कैपिटल्स ने इशांत को शामिल किया और गुजरात टाइटन्स के मुख्य कोच आशीष नेहरा ने चेन्नई सुपर किंग्स में मोहित के साथ गेंदबाजी करने के बाद उन्हें मौका देने का फैसला किया. वहीं मुंबई इंडियस ने चावला को खरीदा.
मिश्रा इंपेक्ट प्लेयर के तौर पर खेलेंगे!
गंभीर के साथ काम कर चुके घरेलू कोच ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘अमित मिश्रा को गौतम और उनके कोचिंग स्टाफ द्वारा चुना जाना बेहतरीन फैसला है. आपको उसका कौशल देखना होगा, वह आईपीएल में सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले टॉप तीन गेंदबाजों में शामिल है. हां, यह सही है कि वह 40 साल का हो चुका है, वह इतना अच्छा क्षेत्ररक्षक नहीं है और अंत में छक्के नहीं जड़ सकता. लेकिन आपको पूरे समय के लिए प्लेइंग इलेवन में शामिल करने की जरूरत नहीं है. अगर हम गौतम को समझे तो मिश्रा को कुछ मैचों में इंपेक्ट खिलाड़ी के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा. जब जरूरी हो उसे आठ ओवर के लिये मैदान में रखो.’
पूर्व भारतीय खिलाड़ी और विशेषज्ञ दीप दासगुप्ता को लगता है कि ‘इंपेक्ट’ खिलाड़ी नियम उन सभी खिलाड़ियों के लिए एक वरदान है जिनके आईपीएल अनुबंध खत्म हो रहे हैं क्योंकि खेल की मांग अब बदल रही है. उन्होंने कहा, ‘मुंबई इंडियंस को वानखेड़े में पीयूष की शायद बिलकुल भी जरूरत नहीं पड़े. लेकिन अगर वे चेपक में खेलेंगे तो उसकी जरूरत पड़ सकती है? वह अपनी गेंदबाजी से अंतर पैदा कर सकता है. यह नियम ऐसा है जो विशेषज्ञों को खेल में लाएगा.’