टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ के बेटे समित द्रविड़ ने कमाल कर दिया है. समित ने मैसूर वॉरियर्स की तरफ से बल्लेबाजी की जिनका मुकाबला गुलबर्गा मिस्टिक्स के खिलाफ था. देवदत्त पडिक्कल ने टॉस जीता और वॉरियर्स को पहले बल्लेबाजी का मौका दिया. ऐसे में चौथे ओवर में ही टीम ने 18 रन पर 2 विकेट गंवा दिए थे. समित और कप्तान करुण नायर ने तीसरे विकेट के लिए 83 रन जोड़े और टीम को अच्छी पोजिशन में पहुंचाया. नायर ने इस दौरान 35 गेंदों पर 66 रन ठोके. वहीं जगदीषा सुचिथ ने भी 13 गेंगद पर 40 रन की पारी ठोक टीम को 20 ओवरों में 8 विकेट के नुकसान पर 196 रन पहुंचा दिया. समित की पारी की बात करें तो इस बल्लेबाज ने 10वें ओवर में पहला छक्का लगाया.
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दूसरे मैच में समित ने खेली कमाल की पारी
दूसरे छोर से विकेट गिर रहे थे लेकिन समित क्रीज पर डटे रहे. समित ने इंसाइड आउट शॉट भी खेला और डीप कवर एरिया से बाउंड्री पारी की. समित ने इस दौरान 24 गेंद पर 33 रन ठोके. इस दौरान उन्होंने 4 चौके और एक छक्का लगाया. उन्हें 12वें ओवर में शरन गाउड ने आउट किया. इसके बाद नायर ने टीम को मुश्किलों से निकाला.
स्मरण रविचंद्रण ने मैसूर का किया काम तमाम
गुलबर्गा मिस्टिक्स की तरफ से कप्तान देवदत्त पडिक्कल पूरी तरह फ्लॉप रहे थे. इस दौरान टीम की तरफ से जिस एक बल्लेबाज ने पूरी पारी पलट दी वो रविचंद्रन स्मरण थे. इस बल्लेबाज ने 60 गेंदों में नाबाद 104 रन ठोके. अपनी पारी में स्मरण ने 11 चौके और 4 छक्के लगाए. अंत में प्रवीण दुबे ने भी 21 गेंद पर 37 रन ठोके और टीम को जीत दिला दी. टीम ने 7 विकेट गंवा 200 रन बना लिए.
बता दें कि इससे पहले डेब्यू मैच में समित पूरी तरह फ्लॉप रहे थे. ये बल्लेबाज सिर्फ 7 रन बनाकर आउट हो गया था. ये मैच शिवामोग्गा लायंस के खिलाफ था. ऐसे में कहा जा रहा है कि आने वाले समय में ये बल्लेबाज और अच्छी पारियां खेल सकता है. बता दें पिता द्रविड़ की तरह समित शांत रहकर नहीं खेलते बल्कि वो आक्रामक बल्लेबाज हैं.
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