जिम्बाब्वे क्रिकेट ने करन परिवार में एक और अध्याय जोड़ा है. इंग्लैंड के लिए खेलने वाले टॉम करन और सैम करन के भाई बेन करन को जिम्बाब्वे की वनडे टीम में पहली बार जगह मिली है. जिम्बाब्वे की टीम अफगनिस्तान के खिलाफ 1 दिसंबर से सीरीज खेलेगी. करन के पिता केविन करन भी जिम्बाब्वे के लिए साल 1980 के दौरान 11 वनडे खेल चुके हैं. वहीं वो टीम के हेड कोच भी रह चुके हैं.
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जिम्बाब्वे की टीम में चुने गए हैं बेन
बेन करन का चयन जिम्बाब्वे की डोमेस्टिक क्रिकेट में धांसू प्रदर्शन करने के बाद हुआ है. लेफ्ट हैंडेड बैटर ने कमाल का प्रदर्शन किया और 50 ओवर और रेड बॉल फॉर्मेट में टॉप पर रहे. इस दौरान उनकी औसत 64.50 और 74.14 की रही.
बता दें कि बेन जिम्बाब्वे की जर्सी में नजर आएंगे. वहीं उनके भाई सैम और टॉम इंग्लैंड के लिए खेलते हैं. टॉम ने इंग्लैंड के लिए 60 इंटरनेशनल मैच खेले हैं. जबकि सैम 117 मुकाबलों में नजर आए हैं. इस दौरान वो टी20 वर्ल्ड कप 2022 टीम का भी हिस्सा रहे हैं.
पिता भी रह चुके हैं क्रिकेटर और कोच
अपने सफर पर बात करते हुए बेन ने कहा कि उनके पिता का इसमें सबसे ज्यादा योगदान रहा है. उनका रोल उनकी जिंदगी में मेंटोर की तरह है. बेन के पिता साल 2005 से लेकर 2007 तक टीम के हेड कोच भी रह चुके हैं. बता दें कि अगर बेन अफगानिस्तान के खिलाफ फील्डिंग करते हैं तो वो करन परिवार की तरफ से इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले चौथे खिलाड़ी बन जाएंगे. जिम्बाब्वे की टीम इस खिलाड़ी के जरिए इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना नाम फिर से बनानी चाहती है.
बता दें सैम करन को आईपीएल मेगा नीलामी के दौरान चेन्नई सुपर किंग्स की टीम ने 2.40 करोड़ रुपए में खरीदा. करन चेन्नई के लिए साल 2020 और 2021 में खेल चुके हैं. चेन्नई ने आरटीएम कार्ड का इस्तेमाल कर इस खिलाड़ी को खरीदा. बता दें कि इससे पहले करन पंजाब किंग्स का हिस्सा थे. करन ने जब चेन्नई के लिए अपना डेब्यू सीजन खेला था तब उन्होंने 14 मैचों में 13 विकेट लिए थे. ऐसे में इस खिलाड़ी ने पंजाब के लिए साल 2023 और 2024 सीजन खेला जिसमें उन्होंने 10 विकेट और 276 रन ठोके. वहीं साल 2024 में उन्होंने 170 रन और 16 विकेट लिए.
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