बीसीसीआई ने भारत के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या पर बड़ा फैसला लिया. इतना ही नहीं पंड्या ने भी बोर्ड के फैसले को मान लिया है. दरअसल बीसीसीआई लगातार रेड बॉल क्रिकेट पर जोर दे रही है. क्रिकेट के लंबे फॉर्मेट में प्लेयर्स की दिलचस्पी को बढ़ाने के लिए बोर्ड ने घरेलू की सैलेरी बढ़ाने तक का प्लान बना लिया. कुछ समय पहले बीसीसीआई सचिव जय शाह ने साफ कर दिया था कि भारतीय प्लेयर्स को भी रणजी ट्रॉफी खेलना जरुरी है और ऐसा ना करने पर वो सजा भुगतने के लिए तैयार रहे.
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ऐसा भी माना जा रहा था कि इस चेतावनी को नजरअंदाज करने के चलते बोर्ड इशान किशन और श्रेयस अय्यर से नाराज था और इसी वजह से दोनों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट भी नहीं मिला. दोनों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में शामिल ना किए जाने के बाद हार्दिक पंड्या पर भी सवाल खड़े होने लगे थे, क्योंकि वो भी घरेलू क्रिकेट नहीं खेलते, इसके बावजूद बोर्ड ने उन्हें ए ग्रेड का सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट दिया था. अब इसी मामले पर बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है. जय शाह ने खुलासा किया है कि पंड्या को व्हाइट बॉल डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना होगा. शाह ने बताया कि पंड्या घरेलू व्हाइट बॉल क्रिकेट के लिए राजी हो गए हैं.
घरेलू क्रिकेटरों की सैलेरी पर क्या बोले जय शाह?
रेड बॉल क्रिकेट पर जोर देते हुए शाह ने कहा कि घरेलू खिलाड़ियों की सैलेरी बढ़ाने का काम संबंधित राज्य संघों पर छोड़ दिया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि घरेलू क्रिकेट की संरचना का जल्द ही अनावरण किया जाएगा और इस बात की पुष्टि की है कि बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी एनसीए में हाई परफॉर्मेंस सेंटर अगस्त से चालू हो जाएगा.
पंड्या पर खड़े हुए थे सवाल
दरअसल सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के बवाल पर इरफान पठान ने भी कहा था कि इशान किशन और श्रेयस अय्यर वाले मानदंड पंड्या के लिए क्यों नहीं है और अगर वो रेड बॉल क्रिकेट नहीं खेलना चाहते तो उन्हें व्हाइट बॉल घरेलू क्रिकेट खेलना चाहिए. पंड्या का रेड बॉल क्रिकेट ना खेलने के पीछे वजह उनकी फिटनेस है. बीसीसीआई की मेडिकल टीम के आकलन के अनुसार वो रेड बॉल से गेंदबाजी करने की स्थिति में नहीं है. पंड्या ने भारत के लिए पिछला टेस्ट साल 2018 में खेला था, मगर अब उन्हें व्हाइट बॉल घरेलू क्रिकेट खेलना होगा, वरना उन पर भी बोर्ड की गाज गिर सकती है.
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