भारत को न्यूजीलैंड के हाथों बेंगलुरु टेस्ट में 8 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा. मौजूद वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भारत की ये तीसरी हार है. रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम इंडिया तीन मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट को भुलाना चाहेगी, क्योंकि इस मुकाबले में उसके नाम कई शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज हुए. टीम इंडिया की पहली पारी 46 रन पर सिमट गई थी. पहली पारी में 356 रन से पिछड़ने के बाद रोहित की सेना ने अपनी दूसरी पारी में 462 रन बनाकर न्यूजीलैंड को 107 रन का टारगेट दिया, जिसे मेहमान टीम ने दो विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया.
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इस हार के बाद वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भारत का विनिंग प्रतिशत 68.05 पर आ गया. हालांकि इसके बावजूद पॉइंट टेबल में टॉप का स्थान बरकरार है. आईसीसी टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड ने भारत को हमेशा कड़ी टक्कर दी है और एक बार फिर कीवी टीम ने WTC फाइनल क्वालीफिकेशन के मामले में भारत को परेशानी में डाल दिया है. बेंगलुरु टेस्ट से पहले भारत को WTC फाइनल में जगह बनाने के लिए कम से कम चार जीत और दो ड्रॉ की जरूरत थी.
भारत की राह हुई मुश्किलें
न्यूजीलैंड पर 3-0 की जीत से ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर भारतीय टीम का काफी दबाव कम हो सकता, क्योंकि टीम को बस एक जीत और दो ड्रॉ की जरूरत होती. हालांकि न्यूजीलैंड से हार का मतलब है कि भारत ऑस्ट्रेलिया में एक से अधिक टेस्ट हारने का खतरा नहीं उठा सकता. अगर भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के बाकी बचे दो मैच जीत जाती है तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत को कम से कम दो टेस्ट जीतने होंगे और दो ड्रॉ खेलने होंगे. ऑस्ट्रेलियाई टीम की चुनौती को देखते हुए भारत के लिए ये एक बड़ी चुनौती होने वाली है. WTC फाइनल में बने रहने के लिए भारत को अपना जीत का प्रतिशत 56 रन से ऊपर रखना होगा.
ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका भी फाइनल की रेस में है और उनका रिजल्ट फाइनलिस्ट तय करने में भी मायने रखेंगे. अगर ऐसा मानें कि साउथ अफ्रीका अपने घरेलू मैदान पर श्रीलंका और पाकिस्तान से हार जाता है और बांग्लादेश से भी हार जाता है तो भारत के फाइनल में पहुंचने की संभावना काफी बढ़ जाएगी. भारत को लेकर बहुत सारी संभावनाएं हैं, लेकिन भारत उन चार टेस्ट मैचों को जीतना चाहेगा और किसी और रिजल्ट पर निर्भर हुए बिना फाइनल में जगह पक्की करना चाहेगा.
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