शिखर धवन का वनडे करियर अब समाप्ति की ओर बढ़ता दिख रहा है. हालिया खराब फॉर्म के बाद उनके भविष्य को लेकर जल्द ही भारतीय क्रिकेट बोर्ड फैसला ले सकता है. टीम इंडिया की नई सेलेक्शन कमिटी बनने के बाद शिखर धवन पर फैसला लिया जाएगा. माना जा रहा है कि बोर्ड कड़े फैसले से भी गुरेज नहीं करेगा. इशान किशन ने हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मुकाबले में डबल सेंचुरी लगाई थी. इसके बाद धवन पर दबाव बढ़ गया है. वे भारत के लिए खेले गए पिछले नौ में से आठ वनडे में संघर्ष करते दिखे हैं. साथ ही उनकी स्ट्राइक रेट भी निराशाजनक रही है. वे पावरप्ले में तेजी से रन जुटाने में नाकाम हो रहे हैं.
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इशान किशन के साथ ही शुभमन गिल भी ओपनर के तौर पर उभरे हैं. इससे भी ओपनिंग जोड़ी में बदलाव की बात उठी है. बीसीसीआई जल्द ही टीम इंडिया के खेल को लेकर रिव्यू मीटिंग करेगा. हालांकि अभी किसी तारीख का ऐलान नहीं हुआ. इस मीटिंग में कप्तान रोहित शर्मा, कोच राहुल द्रविड़ और एनसीए प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण मौजूद रहेंगे. समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक सूत्र के हवाले से लिखा है, शिखर के भविष्य पर फसला नई सेलेक्शन कमिटी के बनने के बाद ही लिया जाएगा. लेकिन मुख्य कोच द्रविड़ और कप्तान रोहित के मत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
जनवरी में मिलेगा मौका फिर परखा जाएगा?
धवन के साथ प्रमुख समस्या उनकी स्ट्राइक रेट में आई गिरावट है. 2019 वर्ल्ड से पहले तक यह 100 से ऊपर थी जो 2022 में 75 पर ही आ गई. हालांकि 167 वनडे के अनुभव और 6793 रन बनाने वाले बल्लेबाज को अचानक से निकालना भी आसान नहीं होगा और वह भी तब जब वर्ल्ड कप में महज कुछ महीने बचे हों. ऐसा कहा जा रहा है कि धवन को जनवरी में श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ छह वनडे दिए जा सकते हैं. इसके आधार पर ही मार्च में ऑस्ट्रेलिया से होने वाली वनडे सीरीज के लिए फैसला लिया जाएगा.
शिखर धवन के साथ समस्या यह भी है कि वे वनडे के अलावा कोई और फॉर्मेट नहीं खेलते. उन्होंने दिल्ली के लिए पिछले दिनों एक टी20 (सैयद मुश्ताक अली) और दो 50 ओवर वाले मैच (विजय हजारे ट्रॉफी) खेले हैं. लेकिन पिछले चार साल से कोई फर्स्ट क्लास मैच नहीं खेला. यह सब बातें भी उनके चयन को पेचीदा बनाती है.
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