इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजियां हमेशा तमिलनाडु प्रीमियर लीग और यूपी टी20 लीग जैसी राज्य टी20 लीग्स पर नजर रखती हैं. इससे ये होता है कि जो भी खिलाड़ी छोटी लीग्स में कमाल करते हैं तो फ्रेंचाइज इन खिलाड़ियों को अपनी टीम में शामिल कर लेती हैं. हालांकि, इन दोनों लीग्स से आए समीर रिजवी और शाहरुख खान जैसे खिलाड़ी आईपीएल के बड़े मंच पर मौके मिलने पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं.
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गावस्कर ने बताया पैसों की बर्बादी
इस बीच दिग्गज भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने अब राज्य टी20 लीग्स से खिलाड़ियों की खोज करने के इस कदम के लिए आईपीएल फ्रेंचाइजियों पर निशाना साधा है. मिड-डे पर अपने कॉलम में, सुनील गावस्कर ने कहा कि अधिकांश अंडर-19 खिलाड़ी प्रथम श्रेणी स्तर पर संघर्ष करते हैं क्योंकि विरोधी टीमों का लेवल जूनियर टूर्नामेंटों की तुलना में बहुत ऊपर होता है. इसी तरह, जो खिलाड़ी राज्य टी20 लीग्स में चमकते हैं, वे जरूरी नहीं कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी या आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करें. इसलिए, उन्होंने आईपीएल फ्रंचाजियों के जरिए इस तरह के खिलाड़ियों पर करोड़ों खर्च करना पैसे की बर्बादी करार दिया.
गावस्कर ने कहा कि, “हम पहले ही देख चुके हैं कि अधिकांश अंडर-19 खिलाड़ी प्रथम श्रेणी स्तर पर अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करते हैं क्योंकि विपक्ष का स्तर जूनियर टूर्नामेंटों की तुलना में काफी ऊपर होता है. इसी तरह, जो खिलाड़ी स्टेट टी20 लीग में चमकते हैं, जरूरी नहीं कि वे सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी या आईपीएल में अपने प्रदर्शन को दोहराएं, क्योंकि वहां का स्टैंडर्ड काफी ऊपर होता है. ऐसे में अब फ्रेंचाइज को पता चल रहा है कि स्टेट प्रीमियर लीग में चमकने वाले खिलाड़ियों के लिए करोड़ों खर्च करना एक बढ़िया विचार नहीं है और यह पैसे की बर्बादी है.''
सुनील गावस्कर ने यह भी कहा कि चयनकर्ता आगामी दलीप ट्रॉफी पर नजर डाल सकते हैं ताकि यह देखा जा सके कि कौन से खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कदम रखने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि, भारतीय क्रिकेट सीजन की शुरुआत कुछ हफ्तों में दलीप ट्रॉफी से होगी और यह देखना अच्छा है कि इस बार सभी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी इसमें हिस्सा लेंगे. यह अच्छा तरीका है जिससे चयनकर्ता यह देख पाएंगे कि गेंदबाज और बल्लेबाज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अगला कदम उठाने के लिए अच्छे हैं या नहीं.
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