भारत में इंडियन प्रीमियर लीग की तर्ज पर वीमेंस प्रीमियर लीग (Women's Premier League) का पहला सीजन जारी है. जिस तरह आईपीएल में तमाम अनजान खिलाड़ी सामने आकर स्टार बन जाते हैं. ठीक उसी तरह घरेलू क्रिकेट से निकलकर अब डब्ल्यूपीएल के मंच के जरिए तमाम गुमनाम महिला खिलाड़ी अपना नाम बना रहीं है. इस कड़ी में मुंबई इंडियंस की स्पिनर साइका इशाक का नाम लीग में छाया हुआ है. वहीं अब रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को जीत दिलाने वाली 20 साल की कनक आहूजा भी स्टार बन गईं है. जिसके चलते सभी क्रिकेट फैंस जानना चाहते हैं कि वह कहां की रहने वाली हैं और कैसे उन्होंने डब्ल्यूपीएल तक का सफर तय किया.
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पंजाब में स्केटिंग करती थी कनक
पंजाब से आने वाली कनक शुरू में क्रिकेटर नहीं बल्कि युवराज सिंह की ही तरह स्केटिंग को काफी पसंद करती थी. इतना ही नहीं कनक ने स्केटिंग में राष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग भी लिया. हालांकि यहीं से उनके स्कूल के क्रिकेट कोच के कहने पर कनक ने बल्ला उठाया और आगे बढ़ना शुरू कर डाला. ऑफ स्पिन करने वाली कनक ने पंजाब के लिए हर एक ग्रुप लेवल पर क्रिकेट खेला. जिसमें अंडर-16 और अंडर-19 भी शामिल है. कनक ने हाल ही में पंजाब में आयोजित हुए अंतर्राज्यीय वनडे टूर्नामेंट में 122 गेंदों पर 11 छक्के और 45 चौके से 305 रनों की पारी खेलकर तहलका मचा डाला था. जिसके बाद से उनका नाम चर्चा का विषय बना और डब्ल्यूपीएल ऑक्शन में आरसीबी ने उन्हें 35 लाख रुपये की रकम देकर शामिल किया था.
कनक ने अहम समय में बल्लेबाजी से दिलाई जीत
आरसीबी में शामिल होने वाली कनक ने धमाल मचा डाला. मैच में एक समय यूपी वॉरियर्ज के 136 रनों के लक्ष्य का पीछा करते समय आरसीबी के टॉप-4 बल्लेबाज सिर्फ 60 रन के स्कोर पर पवेलियन जा चुके थे. इसके बाद कनक ने मैदान में कदम रखा और मुश्किल समय में ऋचा घोष के साथ 5वें विकेट के लिए 60 रनों की साझेदारी निभाकर आरसीबी को टूर्नामेंट की पहली जीत दिला डाली. कनक ने 30 गेंदों पर 8 चौके और एक छक्के से 46 रन बनाए. जबकि 32 गेंदों में तीन चौके और एक छक्के से 31 रन बनाकर ऋचा नाबाद रहीं. इस तरह आरसीबी की पहली जीत में कनक को प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया.
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