वीमेंस प्रीमियर लीग (Women's Premier League) ने लुभावने अंदाज में डेब्यू किया और भारत की उभरती हुई महिला क्रिकेटरों के उज्जवल भविष्य के वादे के साथ खत्म हुआ लेकिन जल्दबाजी में आयोजित हुए पहले सत्र के बाद सुधार की काफी गुंजाइश दिखती है. डब्ल्यूपीएल (WPL 2023) मुंबई के दो स्टेडियम में खेला गया जिसमें दुनिया की कुछ सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों ने खास प्रदर्शन किया लेकिन बाएं हाथ की स्पिनर साइका इशाक (Saika Ishaque) को छोड़ दें तो इतनी स्थानीय प्रतिभाएं सामने नहीं आ सकीं जितनी की उम्मीद की जा रही थी.
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पांच टीमों की प्रतियोगिता रविवार (26 मार्च) को खत्म हुई जिसमें मुंबई इंडियंस की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने अपनी टीम को खिताब दिलाया जबकि फाइनल में उनका सामना ऑस्ट्रेलियाई महान क्रिकेटर मेग लैनिंग की कप्तानी वाली टीम से था. टूर्नामेंट के दौरान कई मैचों में स्कोर 200 रन से ऊपर रहा जबकि बाउंड्री 42 से 44 मीटर छोटी रहीं. मुंबई की हेली मैथ्यूज 16 विकेट झटककर ‘पर्पल कैप’ विजेता बनी जिसमें से तीन विकेट फाइनल में रहे. वहीं नैट सिवर ब्रंट ‘ओवरऑल’ शीर्ष प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ी रहीं, उन्होंने 332 रन बनाने के अलावा 10 विकेट झटके.
इन तीन युवा भारतीयों ने खींचा ध्यान
मुंबई इंडियंस की इशाक ने 15 विकेट झटके, उनके अलावा रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की श्रेयंका पाटिल और कनिका आहुजा ने बड़े मंच अपनी छाप छोड़ी लेकिन भारतीय घरेलू सर्किट और दुनिया की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के बीच अंतर स्पष्ट दिखायी दिया. हरमनप्रीत ने स्वीकार किया कि भारतीय खिलाड़ियों को ज्यादा भूमिकाएं और खेलने के मौके नहीं मिले लेकिन उन्होंने अपनी फील्डिंग से अपनी टीम की अहमियत में इजाफा किया जिसमें उन्होंने मुंबई इंडियंस की अमनजोत कौर और जिंतीमणि कलिता का उदाहरण दिया.
भारतीय खिलाड़ियों को फिटनेस पर करना होगा काम
भारतीय कप्तान ने साथ ही उम्मीद जताई कि युवा और ‘अनकैप्ड’ भारतीय खिलाड़ी अपने अनुभव से और अधिक समझदार होंगी और वे समझ गई होंगी कि उन्हें विदेशी खिलाड़ियों और खुद के बीच अंतर को कम करने के लिये क्या करने की जरूरत है. दिल्ली के मुख्य कोच जोनाथन बैटी ने भारतीय युवा खिलाड़ियों को दूसरे सत्र के लिए अपने खेल और फिटनेस पर काम करने का संदेश दिया.
क्या अगले सीजन आएगा होम-अवे फॉर्मेट
स्मृति मांधना की अगुआई वाली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर को लगातार पांच मैचों में हार का सामना करना पड़ा. इस भारतीय खिलाड़ी ने स्वीकार किया कि उन्हें बड़े कद की और उनसे ज्यादा अनुभवी खिलाड़ियों से भरी टीम की अगुआई करने में मुश्किल का सामना करना पड़ा. वह खुद भी आरसीबी के लिए बल्ले से योगदान नहीं कर सकीं जिसमें एलिस पैरी, हीथर नाइट, सोफी डिवाइन, मेगन शूट और रेणुका सिंह जैसी खिलाड़ी मौजूद हैं.
हीली और सोफी एक्लेस्टन जैसी खिलाड़ियों ने इच्छा जताई कि अगले सत्र से ‘होम एंड अवे’ (घरेलू और प्रतिद्वंद्वी टीम के मैदान पर) मैचों का आयोजन किया जाये जिससे टीमों को घरेलू प्रशंसकों का फायदा मिले. यह देखना होगा कि बीसीसीआई अगला डब्ल्यूपीएल ‘होम-अवे’फॉर्मेट में आयोजित करने पर फैसला करता है या नहीं.
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