भारत के 'गोल्डन बॉय' नीरज चोपड़ा 8 अगस्त को पेरिस ओलिंपिक 2024 के जैवलिन थ्रो में अपना गोल्ड मेडल डिफेंड करने उतरेंगे. नीरज ने 6 अगस्त को जेवलिन थ्रो क्वालिफिकेशन राउंड में दमदार आगाज किया. उन्होंने 89.34 मीटर दूर भाला फेंककर पेरिस ओलंपिक 2024 के फाइनल में जगह बनाई. उन्होंने मई में दोहा डायमंड लीग में 88.36 मीटर का सीज़न का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. ऐसे में उनसे इस बार भी फैंस को गोल्ड मेडल की उम्मीद है. अब नीरज के फाइनल इवेंट से पहले चलिए आपको एक बार उनकी रफ्तार से लेकर भाले के वजन और सबसे बड़ी ताकत के बारे में बताते है.
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कितना होता है जैवलिन का वजन?
टोक्यो ओलंपिक 2020 के गोल्ड मेडल विजेता नीरज से पेरिस में भी भारतीय फैंस को दमदार प्रदर्शन की उम्मीद है. जैवलिन थ्रो में तीन सबसे ज्यादा दूरी तक भाला फेंकने वाले एथलीट को मेडल दिया जाता है. नीरज चोपड़ा जिस भाले को फेंकते हैं वह वर्ल्ड एथलेटिक्स के नियम के मुताबिक पुरुष इवेंट में उस का वजन 800 ग्राम होना चाहिए. इस भाले की इसकी लंबाई 2.6 से 2.7 मीटर तक हो सकती है. वहीं महिला इवेंट में भाले का वजन 600 ग्राम और लंबाई 2.2 से 2.3 मीटर होनी चाहिए.
बता दें कि ईएसपीएन की रिपोर्ट के अनुसार भाला लेकर दौड़ते समय नीरज चोपड़ा की रफ्तार 10 मीटर प्रति सेकेंड यानि कि 36 किलो मीटर प्रतिघंटे की होती है. इस इवेंट के लिए नीरज की एथलेटिक क्षमता उनकी सबसे बड़ी ताकत है. साल 2019 के दौरान वह इसके लिए हर सप्ताह में दो बार पटियाला के जिमनास्टिक हॉल में जाते थे.
कौन हैं नीरज की चुनौती?
नीरज चोपड़ को फाइनल में कई नामों से चुनौती मिलने वाली हैं. इनमें चेक गणराज्य के जैकब वडलेजच, ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स, पाकिस्तान के अरशद नदीम, केन्या के जूलियस येगो, त्रिनिदाद और टोबैगो के केशोर्न वाल्कोट और फिनलैंड के ओलिवर हेलैंडर से उन्हें कड़ी टक्कर मिलेगी. हालांकि क्वालिफिकेशन राउंड में 89.34 मीटर की दूरी तय की थी. ऐसे में भारतीय फैंस मेडल इवेंट के दौरान उनसे 90 मीटर मार्क को पार करने की भी उम्मीद लगा कर बैठेंगे.
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