Paris Olympic, Hockey : हॉकी में टूटी 44 साल की गोल्डन आस, कांटे की टक्कर में जर्मनी ने 3-2 से हराया, भारत अब स्पेन से खेलेगा ब्रांज की बाजी

Paris Olympic, Hockey : पेरिस ओलिंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम के फाइनल में जाने का सपना धरा रह गया और जर्मनी ने उसे 3-2 के करीबी अंतर से हराया.

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Shubham Pandey

जर्मनी के खिलाफ मैच के दौरान भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी

जर्मनी के खिलाफ मैच के दौरान भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी

Highlights:

Paris Olympic, Hockey : भारतीय हॉकी टीम का टूटा गोल्डन सपना

Paris Olympic, Hockey : भारत को जर्मनी ने सेमीफाइनल में हराया

Paris Olympic, Hockey : पेरिस ओलिंपिक में भारतीय हॉकी टीम गोल्ड मेडल जीतने का सपना सेमीफाइनल में जर्मनी के सामने मिलने वाली 2-3 की हार के साथ 44 साल बाद भी धरा रह गया. टोक्यो ओलिंपिक 2020 में जिस जर्मनी को हरकार भारत ने कांस्य पदक जीता था. अब उसी जर्मनी ने सेमीफाइनल में भारत को हराकर बदला लिया और फाइनल में सातवीं बार जगह बनाई. भारतीय हॉकी टीम के हार की वजह कहीं न कहीं फिर से पेनल्टी कॉर्नर पर गोल नहीं कर पाना बना. भारत को पूरे मैच के दौरान 12 पेनल्टी कॉर्नर मिले और सिर्फ दो ही गोल में तब्दील हुए. इसके जवाब में जर्मनी ने सात में से एक पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किया और दो फील्ड गोल करके भारत को पीछे कर दिया. अब भारतीय हॉकी टीम का सामना कांस्य पदक के मैच में स्पेन की टीम से होगा. जबकि जर्मनी का फाइनल में नीदरलैंड्स के साथ मुकाबला होगा. वहीं भारतीय हॉकी टीम 1980 ओलिंपिक के 44 साल बाद फिर से फाइनल में जाने से चूक गई.

 

सात मिनट में भारत ने खोला गोल से खाता 


वर्ल्ड चैंपियन जर्मनी के सामने भारत के कप्तान हरमनप्रीत सिंह को दूसरे मिनट में ही पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन वह गोल करने से चूक गए. इसके बाद फिर से तीसरे मिनट में हरमनप्रीत को  पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन गोल नहीं हो सका. मैच के सातवें मिनट में फिर से भारत के कप्तान हरमनप्रीत को तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले पर उन्होंने तीसरे पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करके भारत को 1-0 की शुरुआती बढ़त दिला दी. इसके बाद पहले क्वार्टर में दोनों तरफ से कोई गोल नहीं हुआ.


जर्मनी ने डबल धमाके से की वापसी 


1-0 की बढ़त लेकर उतरी भारतीय हॉकी टीम के सामने जर्मनी ने दूसरे क्वार्टर में अटैक करना शुरू किया और इसका नतीजा तीसरे मिनट में ही मिला. जब मैच के 18वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर जर्मनी के गोंजालो ने गोल दागकर 1-1 की बराबरी कर दी. हालांकि जर्मनी की टीम इसके बाद भी नहीं रुकी और उसने अटैक करना जारी रखा. तभी गोल एरिया में बॉल जरमनप्रीत सिंह के पैर में लगी और जर्मनी को पेनल्टी मिल गई. 27वें मिनट में फिर जर्मनी के लिए क्रिस्टोफर ने पेनल्टी स्ट्रोक पर दूसरा गोल दागकर 2-1 की बढ़त जर्मनी को दिला दी और फिर दूसरा क्वार्टर समाप्त हो गया.

 


11वें पेनल्टी कॉर्नर से भारत की वापसी

 

मैच के तीसरे क्वार्टर में भारतीय हॉकी टीम ने फिर से पकड़ बनाई और भारत को 36वें मिनट में मैच का 11वां पेनल्टी कॉर्नर मिला. लेकिन इस बार कप्तान हरमनप्रीत की जगह सुखजीत सिंह ने गोल दागकर 2-2 की बराबरी पर भारत को ला दिया. इसके बाद तीसरे क्वार्टर में कोई गोल नहीं हुआ और मैच 2-2 से स्कोर बराबर रहा.
 


अंतिम क्वार्टर में जर्मनी ने भारत को हराया

 

चौथे और आखिरी 15 मिनट के खेल में मैच के 46वें मिनट में जर्मनी को तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले. लेकिन भारत के डिफेंस ने दीवार की तरह गोल पोस्ट को बचाया और कोई भी गोल नहीं होने दिया. इसके बाद जर्मनी को मैच का चौथा पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन पीआर. श्रीजेश ने दमदार गोलकीपिंग से गेंद को रोक लिया. मैच के 54वें मिनट में श्रीजेश को चकमा देकर जर्मनी के मार्को ने बेहतरीन फील्ड गोल्ड से अपनी टीम को 3-2 से आगे कर दिया.  भारत ने अंतिम समय में गोल करने का भरसक प्रयास किया लेकिन उसे जीत नहीं मिल सकी. जबकि जर्मनी ने 3-2 से मैच को अपने नाम करके फाइनल में जगह बनाई.

 

 

पेरिस ओलिंपिक में भारतीय हॉकी टीम का सफर 


भारतीय हॉकी टीम की बात करें तो उसने पूल-बी में अपने खेले गए पांच मैचों में तीन जीत, एक हार और एक ड्रॉ से कुल 10 अंक लेकर दूसरे स्थान पर फिनिश किया. जिससे भारत का सामना क्वार्टरफाइनल में अब ग्रेट ब्रिटेन से हुआ और भारत ने ब्रिटेन को 1-1 की बराबरी के बाद 4-2 से पेनल्टी शूटआउट में हराया था. जिसके बाद भारत का सामना अब कांस्य पदक के मैच में स्पेन से होगा.

 

भारत ने जर्मनी को हराकर पिछली बार जीता था कांस्य

 

भारत और जर्मनी के बीच ओलिंपिक में अभी तक 14 मैच खेले गए थे. जिसमें भारत ने छह बार जर्मनी को धोया. जबकि जर्मनी की टीम चार बार ही जीत सकी और चार मैच ड्रॉ रहे थे. भारत ने पिछली बार टोक्यो ओलिंपिक 2020 के कांस्य पदक मैच में जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक जीता था.
 

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