रुबीना फ्रांसिस ने भारत को पेरिस पैरालिंपिक में 5वां और शूटिंग में चौथा मेडल दिला दिया है. रुबीना ने वुमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच वन में 211.1 के स्कोर के साथ ब्रॉन्ज जीता. कभी आर्थिक तंगी के कारण एकेडमी छोड़ने वाली मध्य प्रदेश की रुबीना ने पेरिस में देश का मान बढ़ा दिया है. रुबीना के दोनों पैर कमजोर और मुड़े हुए हैं और पिता साइमन बाइक रिपेयरिंग का काम करते थे. इसके बावजूद रुबिना के पिता ने उसके हौंसले को टूटने नहीं दिया और उन्हें उड़ान भरने के लिए सपोर्ट किया. जिस वजह से आज रुबीना ने पेरिस में तिरंगा लहरा दिया.
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रुबीना को यहां तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा. उनका पूरा परिवार पिता की बाइक रिपेयरिंग की दुकान से चलता था, जिसे नगर निगम ने तोड़ दिया था. ऐसे में घर में खाने के लाले पड़ गए थे. एकेडमी का खर्च तक उठाना मुश्किल हो गया था, जिसके बाद उनके पिता ने घर-घर जाकर बाइक रिपेयरिंग का काम शुरू किया. भाई ने भी पढ़ाई के साथ काम करना शुरू किया.
एकेडमी तक छोड़नी पड़ी
इसके बावजूद फीस ना भर पाने के कारण रुबीना को एकेडमी छोड़नी पड़ी थी, मगर फिर भी ना तो उनके पिता ने हिम्मत हारी और ना ही रुबीना ने, उन्होंने मेहनत जारी रखी और अपना सफर आगे बढ़ाया.
इस पैरालिंपिक में भारत का ये 5वां मेडल है. इससे पहले बीते दिन भारत ने चार मेडल जीते थे. अवनी लेखरा ने वुमेंस 10 मीटर एयर राइफल में गोल्ड जीता, जबकि इसी इवेंट में मोना अग्रवाल ने ब्रॉन्ज जीता. मनीष नरवाल ने मेंस 10 मीटर एयर पिस्टल में सिल्वर जीता था. वहीं एथलेटिक्स में प्रीति पाल ने 100 मीटर रेस में देश की झोली में कांसा डाला था.
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