प्रमोद भगत पेरिस पैरालिंपिक 2024 में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. टोक्यो पैरालिंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट बैडमिंटन खिलाड़ी भगत को बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन ( BWF) के डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है. जिसके बाद BWF ने उन्हें 18 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है. BWF ने मंगलवार को इसकी पुष्टि कर दी है. खेल पंचाट न्यायालय (CAS) के एंटी डोपिंग डिवीजन ने भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी को 12 महीनों के भीतर तीन बार अपने स्थान के बारे में जानकारी ना देने के कारण BWF डोपिंग रोधी नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया.
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SL 3 एथलीट भगत ने सीएएस अपील डिवीजन में अपील की थी, लेकिन उनकी अपील को पिछले महीने 29 जुलाई को खारिज कर दिया गया था. जिसके बाद भारत को बड़ा झटक लगा. 11 अगस्त को ओलिंपिक खत्म हुए और अब पैरालिंपिक 28 अगस्त से 8 सितंबर तक पैरालिंपिक का आयोजन होगा. प्रमोद ने टोक्यो 2020 पैरालिंपिक में मेंस सिंगल्स SL3 कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था.
भगत ने जमाई थी धाक
ऐसा पहली बार था जब किसी भारतीय ने पैरालिंपिक में बैडमिंटन में गोल्ड जीता था. 1988 में जन्में भगत को पांच साल की उम्र में पोलियो हो गया था, जिस वजह से उनके बाएं पैर में विकलांगता आ गई थी. इसके बावजूद उन्होंने 13 साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू किया और दुनियाभर में अपनी धाक जमाई. उन्होंने गोल्ड मेडल मैच में दूसरी वरीयता प्राप्त ग्रेट ब्रिटेन के डैनियल बेथेल को हराया था. पेरिस में भी उन पर हर किसी भी नजरें रहने वाली थी, मगर पेरिस पैरालिंपिक के आगाज से ठीक पहले उन्हें सस्पेंड कर दिया गया.
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