Asian Games में चांदी सी चमकी ऑटो चलाने वाले की बेटी, एंसी सोजन ने लहराया तिरंगा

लॉन्‍ग जंप में भारत के लिए सिल्‍वर जीतने वाली एंसी सोजन के पिता ऑटो चालक हैं. उनके परिवार की आर्थिक हालत कुछ खास नहीं थी. इसके बावजूद उन्‍होंने बेटी को बड़े ख्‍वाब दिखाए, जिसे सोजन ने पूरा भी किया.

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एंसी सोजन ने भारत के लिए जीता सिल्‍वर मेडल

एंसी सोजन ने भारत के लिए जीता सिल्‍वर मेडल

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एंसी सोजन ने जीता सिल्‍वर मेडललॉन्‍ग जंप में किया कमाल

ऑटो रिक्‍शा चलाने वाले की बेटी ने एशियन गेम्‍स में कमाल कर दिया. एंसी सोजन ने चीन में तिरंगा लहरा दिया. लॉन्‍ग जम्‍प में सोजन ने भारत को सिल्‍वर मेडल दिला दिया है. उन्‍होंने 6.63 मीटर की जंप के साथ दूसरा स्‍थान हासिल किया. 5वीं कोशिश में उन्‍होंने पर्सनल बेस्‍ट स्‍कोर किया. हालांकि इसी इवेंट में एक और भारतीय शैली सिंह मेडल से चूक गई. वो 5वें स्‍थान पर रहीं. सोजन की बात करें तो वो पहली ही कोशिश से अपना दबदबा बनाए हुई थी. 

 

आज पूरा देश उन पर गर्व कर रहा है. मुश्किल परिस्थितियों से लड़कर उन्‍होंने अपने परिवार का भी सपना पूरा कर दिया. सोजन को देश के लिए मेडल जीतते हुए देखने का सपना उनके परिवार का भी था. वो केरल के एक छोटे से गांव से हैं.  उनके पिता ऑटो चलाते हैं और मां एक सुपरमार्केट में काम करती हैं. बचपन से ही सोजन की दिलचस्‍पी एथलेटिक्‍स में थी. उनके माता-पिता दोनों ही अपने जमाने में गांव स्‍तर पर कई प्रतियोगिता में मेडल जीत चुके थे. 

 

7वीं क्‍लास के मिली करियर को दिशा

 

उनका परिवार चाहता था कि सोजन आगे खेले,  मगर खराब आर्थिक हालात के आगे वो मजबूर थे. स्‍कूल के समय सोजन हर कॉम्‍पीटिशन में हिस्‍सा लेती थी. जब वो सातवीं क्‍लास में थी, उस समय उनका सेलेक्‍शन केरल स्‍टेट लेवल मीट में हुआ. उसी टूर्नामेंट में उन्‍होंने पहली बार सिंथेटिक ट्रेक देखा था. पहली बार स्‍पाइक्‍स पहने थे और वहीं से उनके करियर को एक नई दिशा मिली. 

 

 

 

जूतों के लिए पिता ने बचाए पैसे

 

सोजन को अपने परिवार से काफी सपोर्ट मिला. अच्‍छे जूते दिलाने के लिए लंबे समय तक उनके पिता ने पैसे बचाए. उन्‍होंने अपने पिता के दिलाए उन खास जूतों को अंडर 20 नेशनल मीट रिकॉर्ड के दौरान पहना था. सोजन के बाद उनके उनके भाई बहन ने भी एथलेटिक्‍स में एंट्री कर ली थी.

 

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