भारत अगले साल BWF वर्ल्ड चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा. भारत को 17 साल के इंतजार के बाद बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप की मेजबानी मिली है. देश की राजधानी नई दिल्ली को अगस्त 2026 में टूर्नामेंट के 30वें एडिशन के इस ऐतिहासिक आयोजन की मेजबानी के लिए चुना गया है. यह घोषणा पेरिस में 2025 चैंपियनशिप के समापन समारोह के दौरान की गई, जहां बीडब्ल्यूएफ अध्यक्ष खुन्यिंग पटामा लीस्वाडट्रकुल, फेडरेशन फ्रैंकेइस डी बैडमिंटन के अध्यक्ष फ्रैंक लॉरेंट और बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव संजय मिश्रा के बीच एक हैंडओवर हुआ.
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भारत का चयन 1983 से अब तक 15 पोडियम फिनिश के साथ BWF विश्व चैंपियनशिप में बैडमिंटन के सबसे लगातार पदक जीतने वाले देशों में से एक के रूप में उसके बदलाव को दर्शाता है. देश को यह सफलता कोपेनहेगन में प्रकाश पादुकोण के कांस्य पदक के साथ मिली, जबकि 2011 में ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा पहली भारतीय युगल पदक विजेता बनीं. टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे सफल महिला एकल खिलाड़ियों में से एक, पीवी सिंधु पांच पदकों के साथ सबसे आगे हैं.
2011 से लगातार मेडल का सिलसिला जारी
इसके अलावा भारत का इस चैंपियनशिप में मेडल का सिलसिला 2011 से लगातार जारी है, जिसे हाल ही में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने पेरिस 2025 में ब्रॉन्ज जीतकर आगे बढ़ाया. इस मौके पर बोलते हुए BAI के महासचिव संजय मिश्रा ने कहा-
भारतीय बैडमिंटन संघ की ओर से मैं BWF के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने हमें अगस्त 2026 में दिल्ली में विश्व चैंपियनशिप की मेजबानी का सम्मान दिया. हम विश्वास दिलाते हैं कि भारत पेरिस में प्रदर्शित उत्कृष्टता और भव्यता के उन्हीं मानकों को बनाए रखने और आगे बढ़ाने के लिए अपना शत-प्रतिशत योगदान देगा. हम दिल्ली में बैडमिंटन परिवार का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं.
भारत ने 2009 में हैदराबाद में पहली बार BWF विश्व चैंपियनशिप की मेजबानी की थी. इस मेजबानी के एक दशक बाद सिंधु ने 2019 में बासेल में नोज़ोमी ओकुहारा को हराकर विश्व चैंपियनशिप में भारत की पहली स्वर्ण पदक विजेता बनीं. उस दौरान साइना नेहवाल ने भी 2015 में सिल्वर और 2017 में एक ब्रॉन्ज जीता. 2017 में पहली बार भारत की दो महिला खिलाड़ी पोडियम पर पहुंची (2017 में सिंधु ने रजत पदक जीता था).
भारतीय पुरुषों ने भी हाल के सीजन में अच्छा प्रदर्शन किया है. किदांबी श्रीकांत (सिल्वर, 2021), बी साई प्रणीत (ब्रॉन्ज, 2019), लक्ष्य सेन (ब्रॉन्ज, 2021) और एचएस प्रणॉय (ब्रॉन्ज, 2023) सभी सिंगल में पोडियम पर पहुंचे हैं, जबकि रंकीरेड्डी और शेट्टी की जोड़ी ने 2022 और 2025 में लगातार ब्रॉन्ज मेडर जीतकर मैंस डबल्स में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बनकर इतिहास रच दिया.
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