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कजाखस्तान की पुरुष हॉकी टीम 29 अगस्त से बिहार के राजगीर में शुरू हो रहे एशिया कप के लिए यहां पहुंच गई है. टीम 1994 के बाद से इस टूर्नामेंट में पहली बार हिस्सा ले रही है. येरकेबुलान द्युसेबेकोव की अगुआई में टीम मंगलवार रात यहां पहुंची, जो भारतीय सरजमीं पर उनका पहला टूर्नामेंट है. कजाखस्तान 1994 में हिरोशिमा एशिया कप में पांचवें स्थान पर रहा था. उसी साल टीम ने एशियन गेम्स में भी छठा स्थान हासिल किया. एफआईएच विश्व रैंकिंग में वर्तमान में 81वें स्थान पर काबिज कजाखस्तान को पूल ए में मेजबान भारत, जापान और चीन के साथ रखा गया है.
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कजाखस्तान अपने अभियान की शुरुआत 29 अगस्त को जापान के खिलाफ करेगा, उसके बाद टीम 31 अगस्त को चीन से भिड़ेगी और फिर एक सितंबर को भारत के खिलाफ अपना आखिरी ग्रुप चरण मुकाबला खेलेगी. हॉकी इंडिया की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में द्युसेबेकोव के हवाले से कहा गया-
हम पहली बार भारत आकर बेहद उत्साहित हैं. इस देश को हॉकी का गढ़ माना जाता है और हमारे लिए ऐसे माहौल में खेलना एक बेहद खास मौका है.
उन्होंने कहा-
हमारी टीम काफी युवा है और पिछले कुछ महीनों से हमारी तैयारी इन खिलाड़ियों को आत्मविश्वास और उच्चतम स्तर पर प्रदर्शन देने पर केंद्रित रही है. टीम में ऊर्जा और उत्साह शानदार है और हम हर मैच के साथ सीखने और आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हैं.
चुनौतीपूर्ण पूल के बारे में द्युसेबेकोव ने स्वीकार किया कि उनकी टीम को कड़ी मेहनत करनी होगी. उन्होंने कहा-
भारत, जापान और चीन के साथ एक ग्रुप में होना एक कड़ी चुनौती होगी, लेकिन हम इसे एशिया की कुछ बेस्ट टीमों के खिलाफ खुद को परखने का एक शानदार मौका मानते हैं. हमारा लक्ष्य कड़ी टक्कर देना, अनुशासन के साथ खेलना और इस बड़े मंच पर कजाखस्तान को गौरवान्वित करना है.
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