एशियन गेम्स 2023 (Asian Games 2023) में महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ स्पर्धा में भारत और चीन की महिला एथलीट के बीच जमकर बहस देखने को मिली. जिससे एक विवाद भी खड़ा हुआ और भारत में चीन की खिलाड़ी से सिल्वर मेडल छीनकर स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाली ज्योति याराजी को सिल्वर मेडल से नवाजा गया. इस तरह दौड़ से पहले ऐसा क्या ड्रॉमा घटा. जिससे एशियन गेम्स में भारत और चीन की खिलाड़ियों के बीच बहस सामने आई. जानते हैं पूरा मामला और क्या है नियम?
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100 मीटर बाधा दौड़ में हुआ विवाद
महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ की शुरुआत में चीन की यानी वू से गलत स्टार्ट हुआ तो ज्योति सहित बाकी एथलीट भी उनके साथ दौड़ पड़ी. इस घटना का रिव्यू किया गया तो अम्पायरों ने ज्योति को पहले संदेह के घेरे में लेकर बाहर जाने के संकेत दे डाले. इस पर ज्योति अड़ गईं और वह ट्रैक छोड़कर नहीं गईं. चीन की खिलाड़ी का कहना था कि मैंने ज्योति को देखकर स्टार्ट लिया था. जबकि वीडियो से साफ़ नजर आ रहा था कि चीन की खिलाड़ी को देखकर ज्योति ने स्टार्ट लिया था.
चीन की खिलाड़ी ने जीता था सिल्वर
इस तरह काफी बहस और रीप्ले देखने के बाद अधिकारियों ने दोनों एथलीट को दौड़ने के लिए कहा लेकिन बाद में चीन की यानी वू से उनका मेडल छीन लिया गया. दरअसल, दोनों खिलाड़ियों ने दौड़ से पहले प्रोटेस्ट किया था. जिससे अधिकारीयों ने नियम के अनुसार दोनों की दौड़ने की हरी झंडी दे डाली थी. इस रेस में चीन की लिन ने 12.74 सेकंड्स के साथ गोल्ड तो वू यानी ने सिल्वर जबकि 12.91 सेकंड्स के साथ ज्योति ने कांस्य पदक अपने नाम किया.
रेस के बाद सुनाया अंतिम फैसला
हालांकि रेस के बाद जब अपम्यार ने ज्योति और वू यानी के स्टार्ट का एनालिसिस किया तो दौड़ के बाद अंतिम फैसला सुनाते हुए कहा कि वू यानी की गलती थी. जिससे वह रेस के बाद डिसक्वालीफाई हो गईं और उनसे सिल्वर मेडल छीन कर तीसरे स्थान पर आने वाली ज्योति को दे दिया गया. जबकि ज्योति के कांस्य पदक को 13.04 सेकंड्स के साथ दौड़ पूरी करने वाली जापान की युमी टनाका को दे दिया गया.
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