भारतीय पुरुष कंपाउंड तीरंदाजी टीम ने रविवार को विश्व चैंपियनशिप में फ्रांस को हराकर अपना पहला गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. यह जीत भारतीय तीरंदाजी के लिए ऐतिहासिक पल है, क्योंकि यह पहली बार है जब पुरुष कंपाउंड टीम ने विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया.
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रोमांचक फाइनल में भारत की शानदार जीत
ऋषभ यादव, अमन सैनी और प्रथमेश फुगे की तिकड़ी ने फाइनल में फ्रांस के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया. दोनों टीमें शुरू में कांटे की टक्कर में थीं, और तीन सेट के बाद स्कोर 176-176 से बराबर था. लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने आखिरी राउंड में दमदार प्रदर्शन करते हुए 59 अंक बनाए, जबकि फ्रांस केवल 57 अंक ही बना सका. इस तरह भारत ने 235-233 से रोमांचक जीत हासिल की. इस जीत ने न केवल भारत का गौरव बढ़ाया, बल्कि यह भी दिखाया कि भारतीय तीरंदाज अब विश्व स्तर पर कितने मजबूत हो चुके हैं.
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फाइनल तक पहुंचने का सफर भी आसान नहीं था. भारत ने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया, सेमीफाइनल में ताकतवर अमेरिका और तुर्की को हराकर फाइनल में जगह बनाई. इन जीतों ने भारतीय टीम के आत्मविश्वास को और बढ़ाया.
रजत पदक से चमका भारत
इसी दिन, ज्योति सुरेखा वेण्णम और ऋशभ यादव की जोड़ी ने रजत पदक जीता. फाइनल में नीदरलैंड्स के खिलाफ 155-157 से हारने के बावजूद, भारतीय जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया. हालांकि, महिला कंपाउंड टीम (ज्योति, परनीत कौर और प्रीतिका प्रदीप) को इटली के खिलाफ 229-233 से हार का सामना करना पड़ा.
पहले दिन का शानदार प्रदर्शन
विश्व चैंपियनशिप के पहले दिन भारत ने दो पदक पक्के किए. 23 साल के ऋषभ यादव ने क्वालिफिकेशन में 709 अंक बनाकर आठवां स्थान हासिल किया और फिर पुरुष टीम के साथ मिलकर शानदार प्रदर्शन किया.
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