लंबी कूद के एथलीट मुरली श्रीशंकर (Murali Sreeshankar) ने रविवार (18 जून) को 8.41 मीटर के प्रयास के साथ आगामी विश्व चैंपियनशिप का टिकट पक्का करने के बाद नाडा (National Anti Doping Agency) अधिकारियों को ‘स्वेच्छा से’ डोप नमूना दिया ताकि ‘कोई उन पर संदेह ना करे’. श्रीशंकर के पिता और कोच एस मुरली ने ‘पीटीआई-भाषा’ को यह जानकारी दी. 24 साल के श्रीशंकर ने राष्ट्रीय अंतरराज्यीय एथलेटिक्स चैम्पियशिप में अपने पहले ही प्रयास में 8.41 मीटर की छलांग लगायी. वह हालांकि जेस्विन एल्ड्रिन के 8.42 मीटर के राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी करने से सिर्फ एक सेंटीमीटर से चूक गए. एल्ड्रिन ने इसी साल राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था. एल्ड्रिन इस स्पर्धा में 7.83 मीटर की छलांग के साथ दूसरे स्थान पर रहे.
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श्रीशंकर नाडा के अधिकारियों द्वारा नमूना देने से मना करने के बाद भी अपना मूत्र नमूना देने के लिए संग्रह कक्ष में गए. श्रीशंकर के पिता और कोच एस मुरली ने कहा, ‘यह फाइनल मुकाबला नहीं था इसलिए नाडा की टीम ने नमूना देने के लिए नहीं कहा था लेकिन उन्होंने सोचा कि उन्हें स्वेच्छा से ऐसा करना चाहिए ताकि कोई भी उनके प्रदर्शन पर संदेह न करे. उनके नमूने को नाडा की टीम ने स्वीकार कर लिया.’ नाडा का दल 15 जून को शुरू हुए इस पांच दिवसीय आयोजन के लिए भुवनेश्वर आया हुआ है. नाडा के अधिकारियों को विभिन्न स्पर्धाओं के पदक विजेताओं को नमूना देने के लिए बुलाते देखा गया.
क्या खुद से डोप टेस्ट के लिए सैंपल दे सकते हैं खिलाड़ी?
रजत और कांस्य पदक जीतने वाले कुछ खिलाड़ियों ने हालांकि कहा कि नाडा ने उन्हें नमूना देने के लिए नहीं बुलाया है. भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि खिलाड़ी खुद भी अपने नमूने को देने की पेशकश कर सकते हैं लेकिन यह नाडा पर है कि वह इसे स्वीकार या नहीं. श्रीशंकर हालांकि नाडा के नवीनतम पंजीकृत परीक्षण पूल (आरटीपी) में हैं. वह 2023 की दूसरी तिमाही (अप्रैल से जून) के आरटीपी में सूचीबद्ध 77 ट्रैक एवं फील्ड एथलीटों में शामिल हैं.
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