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कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी भारत को मिलने जा रही है. गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में यह खेल आयोजित होने हैं. 20 साल बाद भारत की धरती पर कॉमनवेल्थ गेम्स हो सकते हैं. बीबीसी ने यह रिपोर्ट दी है. इस बारे में आधिकारिक ऐलान जल्द ही हो जाएगा. 26 नवंबर को ग्लास्गो में होने वाली जनरल एसेंबली की मीटिंग पर इस पर फैसला हो जाएगा. 2030 का इवेंट कॉमनवेल्थ गेम्स का 100वां साल भी होगा. 1930 में पहली बार कनाडा के हैमिल्टन में यह खेल हुए थे.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि अहमदाबाद ने नाइजीरिया की राजधानी अबुजा को पीछे छोड़ते हुए मेजबानी हासिल की है. कॉमनवेल्थ गेम्स की इवेल्युएशन कमिटी ने अहमदाबाद को चुना है. भारत में इससे पहले 2010 में दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स हुए थे. अहमदाबाद में पिछले कुछ साल से बड़े खेल इवेंट की मेजबानी के लिए तैयारी चल रही है. वहां पर हाल ही में एक स्पोर्ट्स एरीन का उद्घाटन हुआ है. साथ ही 1.32 लाख दर्शकों की क्षमता वाला नरेंद्र मोदी स्टेडियम भी है. अहमदाबाद 2036 ओलिंपिक मेजबानी की रेस में भी है.
भारत की कॉमनवेल्थ गेम्स एसोसिएशन की प्रेसीडेंट पीटी ऊषा ने बीबीसी को बताया, 'हम 2030 को एक मजबूत अवसर के रूप में देख रहे हैं जो हमारे युवाओं को प्रेरित, अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों को मजबूत और कॉमनवेल्थ देशों में एक साझा भविष्य में योगदान देगा.'
अबुजा दूसरी बार कॉमनवेल्थ गेम्स मेजबानी में पिछड़ा
अबुजा दूसरी बार कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी में पिछड़ा है. इससे पहले 2014 में उसकी अनदेखी कर ग्लास्गो को मेजबानी दी गई थी. ऐसे में नाइजीरिया को अभी इंतजार करना होगा. माना जा रहा है कि उसे 2034 खेलों के लिए चुना जा सकता है.
कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी में आ रही अड़चनें
कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी को लेकर हालिया समय में दिक्कतें सामने आई है. ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य ने 2026 की मेजबानी से हाथ खींच लिए थे. इसके बाद ग्लास्गो को जिम्मेदारी दी गई. इसी तरह से 2022 में ये खेल ब्रिटेन के बर्मिंघम में कराए गए क्योंकि साउथ अफ्रीकी शहर डरबन हट गया था.
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