शतरंज की गिनती दुनिया के सबसे पुराने खेलों में होती है. यह खेल दिमाग की पूरी परीक्षा लेता है और खिलाड़ी घंटों तक शह-मात की कोशिश में लगे रहते हैं. भारत का भी शतरंज में समृद्ध इतिहास रहा है. वह दुनियाभर के उन चुनिंदा देशों में है जिसके खिलाड़ी शतरंज जगत में दबदबा रखते हैं. विश्वनाथन आनंद ने अपने खेल के जरिए भारत को शतरंज के अग्रणी देशों में ले जाकर खड़ा किया. उनके अलावा भी भारत से कई इस खेल के सूरमा निकले हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं शतरंज के पांच बड़े टूर्नामेंट कौनसे होते हैं. साथ विश्वनाथन आनंद ने कौनसे बड़े रिकॉर्ड इस खेल में बना रखे हैं. इसके अलावा शतरंज में अभी कौनसे भारतीय खिलाड़ियों का जलवा देखने को मिल रहा है. इस खबर में इसी बारे में बात करेंगे.
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चेस ओलिंपियाड
यह टूर्नामेंट हर दो साल पर होता है और इसमें टीमों का मुकाबला होता है. चेस ओलिंपियाड की आधिकारिक शुरुआत 1927 से हुई. इसमें फीडे से मान्यता प्राप्त हर देश हिस्सा ले सकता है. हर टीम में पांच खिलाड़ी होते हैं. इनमें से चार रेगुलर और एक रिजर्व होता है. इस टूर्नामेंट में रूस का दबदबा रहा है. भारत ने 2020 में वर्चुअल हुए टूर्नामेंट को जीता था. यह उसकी पहली जीत है. साथ ही इस साल भारत में यह टूर्नामेंट आयोजित भी हो रहा है.
वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप
इस टूर्नामेंट से तय होता है कि कौनसा शतरंज खिला़ड़ी वर्ल्ड चैंपियन बनेगा. 1886 से यह टूर्नामेंट चल रहा है. 1948 तक खिलाड़ी अपने स्तर पर ही यह चैंपियनशिप कराते थे. 1948 से वर्ल्ड चैंपियन की पहचान के लिए टूर्नामेंट आयोजित होने लगा. भारत के विश्वनाथन आनंद ने 2007 से 2013 तक यह खिताब जीता था. सात साल तक वे वर्ल्ड चैंपियन रहे.
चेस वर्ल्ड कप
साल 2000 के बाद से यह टूर्नामेंट फीडे की ओर से आयोजित होने वाला बड़ा टूर्नामेंट है. साल 2005 से इसमें 128 खिलाड़ी शामिल होते हैं. इसमें अच्छा खेलने वाले खिलाड़ियों को वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के लिए क्वालिफिकेशन का मौका भी मिलता है.
कैंडिडेट्स टूर्नामेंट
इस टूर्नामेंट को कैंडिडेट्स मैचेज भी कहा जाता है. यह टूर्नामेंट 1950 से आयोजित हो रहा है. इसके जरिए वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के चैलेंजर का फैसला होता है.
वर्ल्ड रैपिड एंड ब्लिट्ज चैंपियनशिप
रैपिड चैंपियनशिप के जरिए रैपिड टाइम के वर्ल्ड चैंपियन का फैसला होता है. 2012 से पहले तक फीडे बहुत कम टूर्नामेंट्स को इस तरह की मान्यता देता था. ऐसे में फीडे ने मान्यता नहीं रखने वाले टूर्नामेंट हर साल खुद से वर्ल्ड चैंपियन का ऐलान करते थे. इसके बाद फीडे ने सालाना रैपिड एंड ब्लिट्ज चैंपियनशिप आयोजित करने का फैसला किया.
आनंद के रिकॉर्ड
भारत में जब भी शतरंज की बात होती है तब विश्वनाथन आनंद का नाम सबसे पहले उभरकर आता है. आनंद भारत के पहले ग्रैंडमास्टर है. साथ ही वे लंबे समय तक वर्ल्ड चैंपियन भी रहे हैं. आनंद ने 2800 इलो रेटिंग भी पार की है. ऐसा करने वाले वे चुनिंदा खिलाड़ियों में से हैं. उनके अलावा गैरी कास्पारोव, व्लादिमीर क्रेमनिक और वेसलिन टोपालोव ही ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने 2800 इलो रेटिंग हासिल की है. उन्होंने 2003 व 2017 में फीडे वर्ल्ड क्लिक चेस चैंपियनशिप जीती. साल 2000 में आनंद ने वर्ल्ड ब्लिट्ज कप अपने नाम किया. आनंद को उनके शानदार खेल के लिए 1991-92 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिया. फिर 2007 में उन्हें पद्म विभूषण दिया गया. यह सम्मान पाने वाले वे पहले खिलाड़ी हैं.
भारत में मशहूर हुआ चेस
विश्वनाथन आनंद के ग्रैंड मास्टर बनने के बाद से भारत में शतरंज में जबरदस्त बदलाव देखने को मिला है. 1988 से पहले तक भारत में कोई ग्रैंड मास्टर नहीं था लेकिन आज भारत के पास 50 ग्रैंड मास्टर हैं. हालिया समय में आर प्रज्ञानंदा सबसे चर्चित नाम रहे हैं. उन्होंने पिछले कुछ महीनों में दो बार वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराया है.
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