वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियशिप (World Athletics Championships) के फाइनल में देश के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने जहां गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच डाला. वहीं एशियाई रिकॉर्ड को ध्वस्त करने के साथ वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने वाली चार गुणा 400 मीटर रिले दौड़ वाली भारतीय टीम मेडल नहीं जीत सकी. उनके अलावा 3000 मीटरमीटर स्टीपल चेस में पारुल चौधरी भी फाइनल में 11वें स्थान पर रहीं लेकिन उन्होंने पेरिस ओलिंपिक 2024 का टिकट हासिल कर लिया है. मुहम्मद अनस याहिया, अमोज जैकब, मुहम्मद अजमल वरियाथोडी और राजेश रमेश की भारतीय चौकड़ी ने फाइनल में 2 मिनट 59.92 सेकंड्स में रेस समाप्त करने के साथ 5वें स्थान पर कब्ज़ा जमाया. जबकि दो मिनट 57.31 सेकंड्स के साथ अमेरिका ने गोल्ड तो दो मिनट 58.45 सेकंड्स के साथ फ़्रांस ने सिल्वर तो दो मिनट 2 मिनट 58.71 सेकंड्स के साथ ग्रेट ब्रिटेन ने कांस्य पदक अपने नाम किया.
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जापान का तोड़ा था रिकॉर्ड
भारतीय पुरुष टीम ने जापान का एशियन रिकॉर्ड तोड़ा. जापानी टीम ने इस स्पर्धा में 2:59.51 का समय निकाल रखा है. भारतीय टीम अपनी हीट्स में अमेरिका, ब्रिटेन जैसी टीमों के साथ था. भारतीय खिलाड़ियों ने गजब की रेस लगाई और सबको चौंकाते हुए दूसरा स्थान हासिल किया. पहले लेग के बाद भारत छठे नंबर पर था लेकिन अमोज जैकब ने कमाल की दौड़ लगाते हुए दूसरे स्थान पर पहुंचा दिया. इसके बाद अजमल और राजेश रमेश ने न केवल दूसरी पॉजीशन को बनाए रखा बल्कि टीम को एशियन रिकॉर्ड तोड़ने में भी मदद की. भारतीय पुरुष टीम ने दो मिनट 59.05 सेकेंड का समय लेते हुए चार गुणा 400 मीटर रिले दौड़ पूरी करके एशियाई रिकॉर्ड क्वालिफ्केशन में तोड़ा था. लेकिन इस प्रदर्शन को फाइनल में नहीं दोहरा सके.
परिस ओलिंपिक में पारुल ने बनाई जगह
वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियशिप (World Athletics Championships) के 3000 मीटर स्टीपलस्टीपल चेस इवेंट के फाइनल में जगह बनाकर पारुल चौधरी ने इतिहास रच डाला था. लेकिन फाइनल मुकाबले में उन्होंने जरूर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया मगर मेडल नहीं जीत सकी. पारुल ने 9 मिनट 15.31 सेकंड्स के साथ रेस समाप्त की. जिससे वह फाइनल मुकाबले में 11वें स्थान पर रहीं और इसके साथ ही पेरिस ओलिंपिक 2024 के क्वालिफिकेशन मार्क 9 मिनट 23.00 सेकंड्स के अंदर रेस पूरी करके टिकट हासिल कर डाला है.
3000 मीटर स्टीपल चेस इवेंट में गोल्ड मेडल बहरीन की विन्फ्रेड म्यूटाइल ने 8 मिनट 54.29 सेकंड्स के साथ जीता. जबकि 8 मिनट 58.98 सेकंड्स के साथ केन्या की बियाट्राइस ने सिल्वर तो कांस्य पदक भी केन्या की ही महिला एथलीट चिरोटीच ने 9 मिनट 00.69 सेकंड्स के साथ अपने नाम किया.
हालांकि भारत की महिला एथलीट पारुल चौधरी (Parul Chaudhary) ने फाइनल में जगह बनाकर इतिहास रच डाला था. वह वर्ल्ड चैंपियनशिप के 3000 मीटर स्टीपल चेस के फाइनल में जगह बनाने वाली दूसरी भारतीय महिला एथलीट बन गई थी. 28 साल की पारुल ने 9 मिनट 24.29 सेकंड्स के साथ क्वालिफिकेशन राउंड में 5वां स्थान प्राप्त किया. इससे पहले भारत की ललिता बबर ने 3000 मीटर स्टीपल चेस के फाइनल में वर्ल्ड चैंपियनशिप में क्वालीफाई किया था. साल 2015 में बबर ने इस इवेंट को 9:19.76 के समय के साथ समाप्त किया था. जिससे वह फाइनल में 8वें पायदान पर रहीं थी.
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