भारतीय मुक्केबाज प्रीति पवार ने हेपेटाइटिस ए बीमारी से उभरते हुए रिंग में वापसी कर तहलका मचा दिया है. प्रीति ने ओलिंपिक मेडलिस्ट और तीन बार की विश्व चैंपियन चीनी ताइपे की हुआंग सियाओ वेन को हराकर वर्ल्ड बॉक्सिंग कप फाइनल्स के गोल्ड मेडल मुकाबले में जगह बना ली. अरुंधति चौधरी और परवीन हुड्डा ने भी जीत के साथ खिताबी मुकाबलों में प्रवेश किया.
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मीनाक्षी हुड्डा (48 किग्रा), नूपुर (+80 किग्रा), अंकुश फंगाल (80 किग्रा), अभिनाश जामवाल (65 किग्रा) और नरेंद्र बेरवाल (+90 किग्रा) भी अपने-अपने वेट कैटेगरी के फाइनल में पहुंच गए. प्रीति ने 54 किग्रा वेट कैटेगरी मेंअनुभवी हुआंग को लय हासिल करने का मौका नहीं दिया और 4-0 से शानदार जीत हासिल की. प्रीति ने जीत के बाद कहा कि मुझे पता था कि वह विश्व चैंपियन हैं लेकिन विश्व चैंपियन बनने के लिए आपको विश्व चैंपियन को हराना होगा. मुकाबले से पहले मेरी यही सोच थी कि मुझे अपना शत-प्रतिशत देना है और घरेलू दर्शकों के सामने जीत हासिल करनी है.
बीमारी के बाद वापसी
प्रीति ने एक साल बाद रिंग में वापसी की. हेपेटाइटिस ए से जूझने के बाद और इंटरनेशनल बॉक्सिंग से एक साल दूर रहने वाली प्रीति ने गोल्ड मेडल मुकाबले में जगह बनाई. दरअसल पेरिस ओलिंपिक से एक महीने पहले प्रीति को पता चला कि उन्हें हेपेटाइटिस ए है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ओलिंपिक में चुनौती पेश की.
हालांकि विश्व चैंपियनशिप की सिल्वर मेडलिस्ट कोलंबिया की येनी एरियास से राउंड 16 के कड़े मुकाबले में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था और इसी के साथ ओलिंपिक में उनका सफर भी जल्दी खत्म हो गया था. पेरिस से घर लौटते ही संक्रमण का असर उन पर फिर से दिखने लगा. ओलिंपिक के बाद वह तीन महीने तक पूरी तरह बिस्तर पर रही थीं.
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