IND vs PAK, Davis Cup 2024 history: भारत और पाकिस्तान (India vs Pakistan) की इस्लामाबाद में होने वाली टक्कर ने टेनिस वर्ल्ड कप यानी डेविस कप का पारा बढ़ा दिया है. दोनों के बीच 3-4 फरवरी को इस्लामबाद में हाईवोल्टेज मुकाबला खेला जाएगा. भारतीय टीम 60 साल में पहली बार पाकिस्तान दौरे पर गई है. डेविस कप क्वालीफाइंग राउंड से 12 टीमों के लिए डेविस कप फाइनल 2024 की राह बनेगी. इस राउंड में चूकने वाली टीम वर्ल्ड ग्रुप एक प्लेऑफ में चुनौती पेश करेगी. वर्ल्ड ग्रुप प्लेऑफ एक 2024 में 24 टीमें चुनौती पेश करेगी.
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इसमें जीत हासिल करने वाली 12 टीम वर्ल्ड ग्रुप एक में एंट्री करेगी. वहीं हारने वाली टीम वर्ल्ड ग्रुप दो में फिसल जाएगी. प्रत्येक डेविस कप के मुकाबले में 5 मैच होते हैं. जिसमें चार सिंगल और एक डबल खेला जाता है. कम से कम तीन मैच जीतने वाली टीम को विनर घोषित किया जाएगा. डेविस कप की शुरुआत पहली बार कब और कैसे हुई. किसके बीच पहली टक्कर हुई थी, यहां जानें दिलचस्प किस्सा.
कैसे रखा गया डेविस कप का नाम
टेनिस वर्ल्ड कप को आखिर डेविस कप (Davis cup) क्यों कहा जाता है, ये सवाल अक्सर फैंस के मन में उठता है. टेनिस वर्ल्ड कप का नाम डेविस कप अमेरिकन खिलाड़ी ड्वाइट फिली डेविस के नाम पर पड़ा, जिन्होंने ब्रिटिश प्लेयर्स को उनके हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की टीम के खिलाफ खेलने की चुनौती दी थी. डेविस ने सिल्वर ट्रॉफी बनाने के लिए खुद एक हजार डॉलर खर्च किए थे. जिसके लिए पहली टक्कर 9 फरवरी 1900 को हुई थी. पहला डेविस कप साल 1900 में बोस्टन में लॉन्गवुड क्रिकेट क्लब में अमेरिका और ग्रेट ब्रिटेन के बीच खेला गया था. जो British Isles के नाम से खेला गया. अमेरिका ने पहली टक्कर जीती थी.
डेविस ने बनाया पूरा स्ट्रक्चर
डेविस कप का आइडिया 1899 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी टेनिस टीम के चार मेंबर्स का था, जिन्होंने अमेरिका और ग्रेट ब्रिटेन के बीच मैच का प्रपोजल रखा. नेशनल एसोसिएशन की तरफ से एक बार मंजूरी मिलने के बाद हार्वर्ड के उन चार मेंबर्स में से एक ड्वाइट डेविस ने टूर्नामेंट का स्ट्रक्चर बनाया और खुद के पैसों से ट्रॉफी बनवाई. इंटरनेशनल लॉन टेनिस चैलेंज के रूप में जाना जाने वाला ये टूर्नामेंट जल्द ही डेविस कप के नाम से छा गया. जिसका नाम डेविस की बनाई गई ट्रॉफी पर रखा गया.
ऐसे आगे बढ़ा डेविस कप का सफर
1905 में इस टूर्नामेंट में फ्रांस, ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की एक संयुक्त टीम, बेल्जियम टीम को शामिल किया गया. 1920 तक इस टूर्नामेंट में 20 देश शामिल हो गए. 1969 में इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले देशों की संख्या 50 हो गई. 1972 में इसके फॉर्मेट में बदलाव किया गया. जिसके अनुसार डिफेंडिंग चैंपियन को ऑटोमैटिक फाइनल के लिए क्वालिफाइंग करने की बजाय हर दौर में प्रतिस्पर्धा करनी थी. उसी साल सबसे ज्यादा डेविस कप खेलने वाले निकोला पिएट्रांगेली ने इटली के लिए आखिरी मैच खेला था. निकोला ने 164 मैच खेले थे, जिसमें 120 में जीत हासिल की थी. डेविस कप की सबसे सफल टीम अमेरिका है. अमेरिका ने सबसे ज्यादा 32 खिताब जीते थे.
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